10 विपक्षी सांसदों की सस्पेंशन पर हंगामा, वक्फ बिल 2024 चर्चा में

आख़िर तक
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वक्फ संशोधन विधेयक: संसदीय पैनल रिपोर्ट पर हंगामा

आख़िर तक – एक नज़र में

केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल 2024 की जॉइंट पर्लियामेंटरी कमिटी मीटिंग में हंगामा हुआ। इस दौरान 10 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। सस्पेंड होने वाले सांसदों में कालयन बनर्जी और आसदुद्दीन ओवैसी शामिल थे। त्रिनामूल कांग्रेस के कालयन बनर्जी ने अध्यक्ष जगदींबिका पाल की शैली पर कड़ी आलोचना की। भाजपा नेताओं ने विपक्षी सांसदों के व्यवहार की निंदा की और उन्हें लोकतंत्र के खिलाफ बताया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

विपक्षी सांसदों का हंगामा
शुक्रवार को वक्फ संशोधन बिल 2024 पर हुई जॉइंट पर्लियामेंटरी कमिटी (JPC) की बैठक के दौरान बड़ा हंगामा हुआ। बैठक के दौरान केंद्र सरकार के वक्फ बिल को लेकर विवाद छिड़ गया। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया था, जिससे चर्चा पूरी नहीं हो पाई। हंगामा इतना बढ़ा कि 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया। इन सांसदों में कालयन बनर्जी, आसदुद्दीन ओवैसी, और कई अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।

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कालयन बनर्जी की आलोचना
बैठक के बाद त्रिनामूल कांग्रेस के सांसद कालयन बनर्जी ने जॉइंट पर्लियामेंटरी कमिटी के अध्यक्ष जगदींबिका पाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अध्यक्ष ने विपक्षी नेताओं की बातों की अनदेखी की। उन्होंने आरोप लगाया कि पाल ने बैठक का संचालन “जमींदारी” तरीके से किया, यानी एक निरंकुश और अव्यवस्थित तरीके से। कालयन बनर्जी ने यह भी कहा कि विपक्ष के लिए प्रस्तावित बैठक 30 और 31 जनवरी को होनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय बैठक के विषय को बदल दिया गया था।

भाजपा का बचाव
वहीं, भाजपा सांसद नसीकांत दुबे ने विपक्ष के हंगामे की निंदा की और इसे भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ बताया। दुबे ने कहा कि विपक्ष जानबूझकर विघ्न डालने की कोशिश कर रहा है। भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने विपक्षी नेताओं की भाषा पर तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति और जॉइंट पर्लियामेंटरी कमिटी के अध्यक्ष के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया, जो कतई स्वीकार्य नहीं है।

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विधेयक पर विवाद और जॉइंट पर्लियामेंटरी कमिटी की कार्यवाही
वक्फ संशोधन बिल 2024 पर बहस को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठे हैं। विपक्ष ने यह आरोप लगाया कि सरकार इस विधेयक को बिना उचित चर्चा के जल्दी पास करना चाहती है, और इसके पीछे दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीतिक मंशा हो सकती है। बैठक में विपक्ष के नेता कालयन बनर्जी और कांग्रेस के नसीर हुसैन सहित कई अन्य नेताओं ने बैठक छोड़ दी, इसे एक “फर्जी प्रक्रिया” करार दिया।

अक्टूबर में भी हुआ था हंगामा
यह पहली बार नहीं है कि वक्फ संशोधन बिल पर कोई विवाद हुआ हो। अक्टूबर महीने में भी जब जॉइंट पर्लियामेंटरी कमिटी की बैठक हो रही थी, तब कालयन बनर्जी और भाजपा सांसद अभिजीत गांगोपाध्याय के बीच तीखी बहस हुई थी। इस बहस के दौरान कालयन बनर्जी ने गुस्से में आकर बैठक की अध्यक्षता कर रहे जगदींबिका पाल की ओर एक कांच की बोतल फेंकी थी।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

वक्फ संशोधन बिल 2024 पर जॉइंट पर्लियामेंटरी कमिटी की बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त हंगामा किया। कालयन बनर्जी और आसदुद्दीन ओवैसी समेत 10 सांसदों को सस्पेंड किया गया। बैठक में उठे विवाद ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। भाजपा ने विपक्षी सांसदों की हरकतों की निंदा की, जबकि विपक्ष ने सरकार के चल रहे निर्णयों को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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