आख़िर तक – एक नज़र में
- आईसीसी अध्यक्ष जय शाह 2-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली के पक्ष में हैं।
- भारतीय, ऑस्ट्रेलियाई और इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड के सहयोग से यह विचार किया जा रहा है।
- इसमें शीर्ष टीमें अधिक मैच खेलेंगी, जबकि छोटे देश दोहरे स्तर पर खेलेंगे।
- रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की ऐतिहासिक भीड़ को देखते हुए उठाया जा रहा है।
- 2-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली पर पहले 2016 में भी विचार हुआ था, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया था।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
2-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली का प्रस्ताव
6 जनवरी 2025 को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया आउटलेट ‘द एज़’ की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) अध्यक्ष जय शाह ने 2-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली पर विचार करना शुरू कर दिया है। यह सिस्टम बांगलादेश, अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे जैसे छोटे देशों के लिए कड़ी चुनौती हो सकती है, क्योंकि इसे बड़े देशों के मुकाबले खेलने का मौका कम मिलेगा।
बड़ी टीमों को अधिक मैचों का मौका
2-स्तरीय प्रणाली का उद्देश्य भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसी शीर्ष टेस्ट टीमों को अधिक टेस्ट श्रृंखलाओं का हिस्सा बनाना है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि बड़े देशों के बीच अधिक मुकाबले हों, जिससे टेस्ट क्रिकेट के प्रति रुचि बनी रहे। पिछली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी ने इसका प्रभाव प्रमाणित किया, जिसमें 837,879 दर्शकों ने भाग लिया, जो क्रिकेट इतिहास में तीसरे सबसे अधिक देखा गया एंटी-एशेज़ श्रृंखला था।
कैसे काम करेगा 2-स्तरीय टेस्ट सिस्टम?
2-स्तरीय टेस्ट प्रणाली के तहत, पहले स्तर की टीमों जैसे भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच अधिक मुकाबले होंगे। इस प्रणाली में छोटे देशों को दोहरे स्तर पर विभाजित किया जाएगा। छोटे देशों, जैसे बांगलादेश और अफगानिस्तान, को मुकाबले में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करना होगा। हालांकि, यह भी साफ नहीं है कि क्या यह प्रणाली प्रोमोशन और रेलेगेशन का विकल्प भी प्रस्तुत करेगी, जो क्रिकेट की मौजूदा स्थिति को देखते हुए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
पिछले विरोध और शास्त्री का समर्थन
यह 2-स्तरीय प्रणाली पिछले 2016 में भी सामने आई थी, लेकिन उस समय बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने इसके खिलाफ विरोध किया था, जिसमें उन्होंने छोटे देशों की आर्थिक और प्रतिस्पर्धी स्थिति का हवाला दिया था। ठाकुर ने कहा था कि इस प्रणाली से छोटे देशों को आर्थिक नुकसान हो सकता है, जो क्रिकेट में पीछे रह सकते हैं।
हालांकि, वर्तमान में क्रिकेट प्रसारकों और कमेंटेटर्स की ओर से इस प्रस्ताव का समर्थन किया गया है। रवि शास्त्री, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कमेंटेटर रहे हैं, ने कहा कि “यदि टेस्ट क्रिकेट को जीवित और सफलता से विकसित होना है, तो बड़ी टीमों को एक-दूसरे के खिलाफ अधिक मैच खेलाने चाहिए।”
2-स्तरीय संरचना के संभावित टीमें
पहला स्तर: ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, पाकिस्तान।
दूसरा स्तर: वेस्ट इंडीज, बांगलादेश, अफगानिस्तान, आयरलैंड, जिम्बाब्वे।
निष्कर्ष
यह बदलाव क्रिकेट में नए दिशा-निर्देश का कारण बन सकता है और बड़ा प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से छोटे देशों पर। शास्त्री के समर्थन और प्रसारकों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि शीर्ष टीमों के लिए अधिक मुकाबलों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। हालांकि, यह प्रस्ताव क्रिकेट की प्रतिस्पर्धी भावना पर भी सवाल उठा सकता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
जय शाह द्वारा प्रस्तावित 2-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को प्रभावित कर सकती है। यह बड़े देशों को अधिक अवसर देगा, लेकिन छोटे देशों को पीछे करने का खतरा हो सकता है।
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