“आख़िर तक – एक नज़र में”:
- 2 फरवरी, 2025 को निर्मला सीतारमण ने भारत का आठवां लगातार बजट पेश कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
- इससे पहले यह रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के पास था, जिनके बजट एक बार में पेश किए गए थे।
- इस बार सीतारमण ने मधुबनी साड़ी पहनी, जो उन्हें पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त दुलारी देवी द्वारा गिफ्ट की गई थी।
- सीतारमण ने इस बजट में मध्यवर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने की योजना की घोषणा की।
- इस लेख में सीतारमण द्वारा पिछले सात बजटों के प्रमुख बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला गया है।
“आख़िर तक – विस्तृत समाचार”:
8 बजट, 8 साड़ियां: निर्मला सीतारमण का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
निर्मला सीतारमण ने 2 फरवरी, 2025 को आठवां लगातार केंद्रीय बजट पेश कर एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया। यह भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक वित्त मंत्री द्वारा लगातार पेश किया गया बजट है। इससे पहले, यह रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम था, जिन्होंने गैर-लगातार समय में बजट पेश किए थे।
आठवीं बजट में खास बातें:
सीतारमण ने इस ऐतिहासिक मौके पर मणिपुरी कलाकार दुलारी देवी द्वारा उपहार में दी गई मधुबनी साड़ी पहनी। यह साड़ी पारंपरिक स्वर्ण बॉर्डर वाली थी, जिसे एक contrasting लाल ब्लाउज के साथ पहना गया था। इस साड़ी का चयन भारतीय पारंपरिक कारीगरी और हस्तशिल्प के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है।
बजट 2025: मध्यवर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ाना
सीतारमण ने इस बजट में बढ़ते हुए मध्यवर्ग की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि यह बजट मुख्य रूप से रोजगार सृजन और नई नौकरियों के अवसरों पर आधारित है। इसके अलावा, बजट में पिघलते करों, कच्चे माल की कीमतों में कमी और निवेश के लिए नई योजनाओं को पेश किया गया।
पिछले सात बजटों के प्रमुख बिंदु:
2024 में पेश बजट में मोबाइल फोन, सोने, चांदी पर कस्टम शुल्क में कमी की घोषणा की गई थी, वहीं कृषि उत्पादों और पर्यावरण के लिए भी विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की गई। 2023 के बजट में भी कई रोजगार योजनाओं और योजनाओं की घोषणा की गई थी। इससे पहले, 2022 और 2021 में, सीतारमण ने भारतीय उद्योगों के लिए सुधार योजनाओं का ऐलान किया था।
“आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें”:
निर्मला सीतारमण का आठवां बजट न केवल ऐतिहासिक था, बल्कि इससे भारत के केंद्रीय बजट की दिशा में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। साड़ी पहनने की उनकी आदत और बजट में जो सुधार प्रस्तुत किए गए, वे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से थे।
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