आखिर तक – संक्षेप में
- हरियाणा विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस के आरोपों को चुनाव आयोग ने बेबुनियाद बताया।
- ईवीएम की बैटरी स्थिति पर संदेह के कारण कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की।
- चुनाव आयोग ने कांग्रेस को असत्यापित आरोपों से बचने की सलाह दी है।
आखिर तक – विस्तार से
चुनाव आयोग ने हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को “बेबुनियाद” कहकर खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने ईवीएम की बैटरी स्थिति में 99 प्रतिशत का स्तर दिखाने पर शंका जताई थी और चुनाव आयोग पर मतगणना प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाया था। इस पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों से चुनाव के महत्वपूर्ण समय जैसे मतदान और मतगणना के दौरान “बेबुनियाद और सनसनीखेज शिकायतें” न करने की सलाह दी है।
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, “हम कांग्रेस के हरियाणा विधानसभा चुनाव के संबंध में जताए गए सभी आरोपों को खारिज करते हैं। इस तरह के आरोप सामाजिक व्यवस्था में अशांति फैलाते हैं।” आयोग ने राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से जिम्मेदारीपूर्ण आचरण की उम्मीद जताई और कहा कि इस प्रकार के आरोप लोकतंत्र को कमजोर कर सकते हैं।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा लगातार चुनाव परिणामों पर संदेह जताने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जाहिर की। आयोग ने कहा कि बिना किसी ठोस सबूत के चुनाव प्रक्रिया को लेकर इस तरह के संदेह पैदा करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस से इस तरह के आरोपों से बचने की सलाह दी और कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित होती है।
कांग्रेस के आरोपों के बावजूद, हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी ने 90 में से 48 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की। चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को निराधार बताया और आश्वासन दिया कि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है।
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