आख़िर तक – एक नज़र में
- गौतम अडानी ने अमेरिकी धोखाधड़ी आरोपों को “निराधार” करार दिया।
- अमेरिकी अभियोजकों ने $265 मिलियन की रिश्वत का आरोप लगाया।
- अडानी ने कहा कि हर चुनौती उन्हें और मजबूत बनाती है।
- आरोपों से भारत में राजनीतिक विवाद गहराया है।
- अमेरिकी अधिकारी भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि का उपयोग कर सकते हैं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
आरोप और प्रतिक्रिया
अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह पर $265 मिलियन की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, और अन्य छह लोगों पर भारतीय ऊर्जा अनुबंधों को सुरक्षित करने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है। अडानी समूह ने इन आरोपों को “निराधार” बताया है।
अडानी का बयान
जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गौतम अडानी ने कहा, “हर चुनौती हमें मजबूत और अधिक लचीला बनाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि सफलता की राह में चुनौतियां और जांच आम हैं।
राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव
भारत में इस विवाद ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अडानी की रक्षा करने का आरोप लगाया है। इस विवाद के कारण अडानी की नेट वर्थ एक ही दिन में $12 बिलियन गिर गई।
अमेरिकी प्रत्यर्पण संधि
यदि अमेरिकी अधिकारी अडानी को अमेरिका लाना चाहते हैं, तो उन्हें भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत सबूत प्रस्तुत करने होंगे।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- गौतम अडानी ने अमेरिकी आरोपों को “निराधार” बताया है।
- $265 मिलियन रिश्वत का आरोप है।
- राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है।
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