आख़िर तक – एक नज़र में
- राहुल गांधी ने संसद में बहस की मांग की, विपक्ष की मंशा साफ बताई।
- संसद की कार्यवाही में बार-बार रुकावटें आईं, जिससे सत्र बाधित हुआ।
- तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर हावी होने का आरोप लगाया।
- राहुल गांधी ने भाजपा के आरोपों को “बेबुनियाद” करार दिया।
- संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर बहस 13 दिसंबर को होनी है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
राहुल गांधी ने संसद चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया
राहुल गांधी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि विपक्ष का उद्देश्य संसद की कार्यवाही को जारी रखना है। उन्होंने कहा कि विपक्ष संविधान बहस को समय पर शुरू करना चाहता है। “हम चाहते हैं कि संसद में चर्चा हो, चाहे वे मेरे खिलाफ कुछ भी कहें। हम संविधान बहस चाहते हैं,” राहुल ने कहा।
तृणमूल कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने विरोध जताया। उन्होंने कहा, “संसद भाजपा और कांग्रेस के निर्देशों पर चलती है। अन्य दलों को बोलने का मौका नहीं मिलता।” यह बयान विपक्षी एकता में दरार को उजागर करता है।
अडानी मुद्दे पर कांग्रेस का रुख
राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अडानी घोटाले पर चर्चा से बचने के लिए “बेबुनियाद आरोप” लगा रही है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर अपने खिलाफ की गई टिप्पणी को हटाने की मांग की।
संविधान बहस और विपक्ष की रणनीति
13 और 14 दिसंबर को संसद में संविधान बहस का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर को इस बहस का जवाब देंगे। विपक्ष इस अवसर का उपयोग विभिन्न मुद्दों को उठाने के लिए करना चाहता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- राहुल गांधी ने संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की अपील की।
- तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी एकता पर सवाल खड़े किए।
- संविधान बहस के माध्यम से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाने की संभावना।
- विपक्ष ने भाजपा पर अडानी मुद्दे से ध्यान हटाने का आरोप लगाया।
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