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जम्मू-कश्मीर चुनाव: NOTA के लिए 1.48% मतदाता, हरियाणा में 0.38%
हालिया चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में अधिक मतदाताओं ने NOTA (None of the Above) बटन का चयन किया है, जबकि हरियाणा में ऐसा करने वाले मतदाता कम थे।
हरियाणा विधानसभा के 90 सदस्यीय चुनाव में, दो करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 67.90 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से केवल 0.38 प्रतिशत ने मतदान मशीन पर NOTA विकल्प का चयन किया।
वहीं, जम्मू और कश्मीर में 90 सीटों के लिए तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनावों में कुल 63.88 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। इन मतदाताओं में से 1.48 प्रतिशत ने NOTA का विकल्प चुना।
यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि जम्मू और कश्मीर के मतदाता चुनाव प्रक्रिया में अधिक जागरूक हैं। NOTA का बढ़ता उपयोग यह इंगित करता है कि कुछ मतदाता राजनीतिक विकल्पों से संतुष्ट नहीं हैं।
चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, NOTA विकल्प का उपयोग उन मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो किसी भी राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार को समर्थन नहीं देना चाहते।
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम: पार्टीवार विश्लेषण
मुख्य परिणाम:
- जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (JKN): इस चुनाव में JKN ने सबसे अधिक 42 सीटें जीतीं। यह परिणाम पार्टी के मजबूत जनाधार को दर्शाता है और यह स्पष्ट करता है कि पार्टी को स्थानीय जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त है।
- भारतीय जनता पार्टी (BJP): BJP ने 29 सीटें हासिल कीं। यह परिणाम पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, जो इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की दिशा में है।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): INC ने इस बार मात्र 6 सीटों पर जीत दर्ज की। यह पार्टी के लिए अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन है, खासकर जम्मू और कश्मीर जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में।
- जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP): JKPDP ने केवल 3 सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी के इस प्रदर्शन से यह संकेत मिलता है कि पिछले चुनावों की तुलना में इस बार उनका जनाधार कमजोर हुआ है।
- जम्मू और कश्मीर पीपल्स कांफ्रेंस (JPC): JPC ने 1 सीट जीती। यह पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण जीत हो सकती है, क्योंकि यह दिखाता है कि छोटे दल भी क्षेत्र में अपना स्थान बना रहे हैं।
- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) – CPI(M): CPI(M) ने 1 सीट जीती। यह पार्टी के लिए एक मामूली जीत है, लेकिन यह दर्शाता है कि क्षेत्र में वामपंथी विचारधारा का कुछ जनाधार अब भी है।
- आम आदमी पार्टी (AAP): AAP ने भी 1 सीट पर कब्जा किया। यह पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो राष्ट्रीय राजनीति में धीरे-धीरे अपनी जगह बना रही है और अब जम्मू और कश्मीर में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है।
- स्वतंत्र उम्मीदवार (Independent): कुल 7 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने इस चुनाव में जीत दर्ज की। यह दर्शाता है कि कुछ क्षेत्रों में स्थानीय उम्मीदवारों को बड़ी पार्टियों से अधिक समर्थन मिला है।
चुनावी निष्कर्ष:
90 सदस्यीय विधानसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के इस प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू और कश्मीर की राजनीति में अभी भी स्थानीय दलों का बड़ा प्रभाव है। JKN ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। वहीं BJP ने भी अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में अच्छा प्रदर्शन किया है।
छोटे दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों का प्रदर्शन भी इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दे यहां की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम: नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बहुमत हासिल किया
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के परिणाम सामने आ गए हैं, जिसमें जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN) ने बहुमत हासिल किया है। इस चुनाव में, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीतीं, जिससे पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला। भाजपा (BJP) दूसरे स्थान पर रही, जिसने 29 सीटों पर जीत दर्ज की।
इस चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने केवल 6 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) ने 3 सीटें जीतीं। अन्य प्रमुख पार्टियों में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JPC) ने 1 सीट, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] ने 1 सीट और आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी 1 सीट जीती। इसके अलावा, 7 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपनी जीत दर्ज की।
यह परिणाम क्षेत्रीय राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत देते हैं, जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपनी पकड़ मजबूत की है और भाजपा ने भी एक महत्वपूर्ण विपक्षी पार्टी के रूप में अपना स्थान कायम किया है।
सीटों का बंटवारा:
- जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN): 42 सीटें
- भाजपा (BJP): 29 सीटें
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): 6 सीटें
- जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP): 3 सीटें
- जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JPC): 1 सीट
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)]: 1 सीट
- आम आदमी पार्टी (AAP): 1 सीट
- निर्दलीय (IND): 7 सीटें
इस चुनाव परिणाम ने यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आगे और बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। जहाँ भाजपा और कांग्रेस जैसे प्रमुख राष्ट्रीय दल संघर्ष कर रहे हैं, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस और निर्दलीय उम्मीदवारों ने क्षेत्रीय स्तर पर अपनी मजबूती दिखाई है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम लाइव: आप कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न, पार्टी ने खोला खाता
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मेहराज मलिक की डोडा विधानसभा सीट से जीत के बाद, दिल्ली में पार्टी कार्यालय में आप कार्यकर्ताओं ने जोरदार जश्न मनाया। यह जीत AAP के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है क्योंकि पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनावों में अपना खाता खोला है।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। आप उम्मीदवार मेहराज मलिक ने डोडा सीट पर विजय प्राप्त कर पार्टी के लिए नया अध्याय खोला। यह पार्टी के विस्तार के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है।
दिल्ली में AAP कार्यकर्ताओं ने इस जीत को बड़ी धूमधाम से मनाया। पार्टी कार्यालय में ढोल-नगाड़ों के बीच कार्यकर्ताओं ने मिठाइयाँ बाँटीं और एक-दूसरे को जीत की बधाई दी। यह जीत जम्मू-कश्मीर में AAP की मौजूदगी को मजबूत करती है, और इस क्षेत्र में पार्टी के लिए आगे के रास्ते को साफ करती है।
चुनाव परिणाम का विश्लेषण:
डोडा सीट से मेहराज मलिक की जीत को क्षेत्रीय राजनीति में एक बड़ी जीत माना जा रहा है। यह जीत न केवल AAP के लिए, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरणों को बदलने वाली साबित हो सकती है। मेहराज मलिक के विजयी होने के बाद, AAP अब अन्य विधानसभा सीटों पर भी बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है।
पार्टी नेताओं का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार और स्थानीय मुद्दों के खिलाफ उनकी लड़ाई ने उन्हें जनता का समर्थन दिलाया है। पार्टी की रणनीति, जो दिल्ली और पंजाब में सफल रही थी, उसे जम्मू-कश्मीर में भी विस्तार दिया गया, और इसी रणनीति ने यहां भी फलदायी परिणाम दिए।
आगे की संभावनाएं:
इस जीत के बाद, AAP के नेता अब जम्मू और कश्मीर में अपने संगठनात्मक ढाँचे को और मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस जीत को एक महत्वपूर्ण संकेत मानते हैं कि जम्मू और कश्मीर में बदलाव की बयार चल रही है।
भविष्य में AAP की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पार्टी का लक्ष्य अगले विधानसभा चुनावों में और अधिक सीटें जीतने का है। पार्टी नेताओं ने स्पष्ट किया कि अब उनका ध्यान जम्मू और कश्मीर में स्थायी रूप से अपने आधार को मजबूत करने पर है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: प्रमुख पार्टियों की स्थिति
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ रहे हैं, जिसमें प्रदेश के 90 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रमुख राजनीतिक दलों की स्थिति स्पष्ट हो रही है। इस बार चुनावी मैदान में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN), भारतीय जनता पार्टी (BJP), निर्दलीय उम्मीदवार (IND), कांग्रेस (INC) और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
मुख्य पार्टियों की स्थिति:
- जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN) – 42 सीटों पर जीत या बढ़त
- भारतीय जनता पार्टी (BJP) – 29 सीटों पर जीत या बढ़त
- निर्दलीय (IND) – 7 सीटों पर जीत या बढ़त
- कांग्रेस (INC) – 6 सीटों पर जीत या बढ़त
- जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) – 3 सीटों पर जीत या बढ़त
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN) ने इस चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, जहां वह 42 सीटों पर जीत या बढ़त बनाए हुए है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) 29 सीटों पर जीत या बढ़त के साथ दूसरे स्थान पर है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने 7 सीटों पर अपनी पकड़ बनाई है, जबकि कांग्रेस 6 सीटों पर जीत हासिल करती नजर आ रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) 3 सीटों पर आगे चल रही है।
मुख्य बिंदु:
- JKN की मजबूत पकड़: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटों पर जीत या बढ़त बनाए हुए है, जो इस चुनाव में पार्टी की व्यापक लोकप्रियता को दर्शाता है।
- BJP की चुनौती: 29 सीटों पर जीत या बढ़त के साथ, BJP इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण विपक्षी पार्टी के रूप में उभर रही है।
- निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका: निर्दलीय उम्मीदवारों ने 7 सीटों पर महत्वपूर्ण जीत हासिल की है, जो दर्शाता है कि स्थानीय मुद्दों पर लोगों का झुकाव है।
- कांग्रेस और JKPDP का प्रदर्शन: कांग्रेस और JKPDP ने क्रमशः 6 और 3 सीटों पर बढ़त बनाई है, जो उनके राजनीतिक प्रभाव को इंगित करता है।
जम्मू-कश्मीर में चुनावी परिणामों से यह स्पष्ट है कि इस बार मुकाबला खासतौर पर JKN और BJP के बीच देखने को मिल रहा है। निर्दलीय उम्मीदवारों की भी कुछ सीटों पर प्रभावशाली उपस्थिति है, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में विविधता देखने को मिल रही है।
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव: प्रमुख पार्टियों का प्रदर्शन
जम्मू और कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में 90 सीटों पर मुकाबला हुआ, जिसमें प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की। इस बार के चुनाव परिणामों ने क्षेत्रीय राजनीति को नया स्वरूप दिया है, जहां विभिन्न दलों के प्रदर्शन से सत्ता का समीकरण स्पष्ट होता है।
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN) की जीत:
इस चुनाव में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN) ने सबसे अधिक 41 सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी ने क्षेत्रीय मुद्दों और विकास के वादों पर फोकस किया, जिससे उन्हें भारी जनसमर्थन मिला। JKN की सफलता में पारंपरिक वोट बैंक और स्थानीय नेताओं की रणनीतियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) का प्रदर्शन:
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा ने राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दों पर चुनावी प्रचार किया, जिससे उन्हें जम्मू क्षेत्र में व्यापक समर्थन मिला। हालांकि, कश्मीर क्षेत्र में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा, जितना उम्मीद थी।
स्वतंत्र उम्मीदवारों की भूमिका:
स्वतंत्र उम्मीदवारों (IND) ने इस चुनाव में 7 सीटों पर जीत दर्ज की। यह दर्शाता है कि कुछ क्षेत्रों में स्थानीय मुद्दे और व्यक्तिगत लोकप्रियता ने पार्टी आधारित राजनीति पर जीत दर्ज की।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP):
पीडीपी ने इस चुनाव में सिर्फ 4 सीटें हासिल कीं, जो उनके पिछले चुनावी प्रदर्शन से कहीं कमजोर है। पीडीपी के लिए यह चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण रहा, जहां उन्हें अपने पुराने वोट बैंक में सेंध का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस का प्रदर्शन:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी का प्रदर्शन स्थिर रहा, लेकिन कांग्रेस को इस बार ज्यादा समर्थन नहीं मिला। कांग्रेस ने चुनावी प्रचार में रोजगार और विकास के मुद्दों पर जोर दिया था, लेकिन अपेक्षित नतीजे नहीं आ सके।
चुनाव के प्रमुख मुद्दे:
जम्मू और कश्मीर के इस चुनाव में सुरक्षा, विकास और स्वायत्तता के मुद्दे हावी रहे। JKN ने स्थानीय स्वायत्तता और विकास के मुद्दे को प्रमुखता दी, जबकि भाजपा ने राष्ट्रवाद और सुरक्षा का मुद्दा उठाया। चुनाव के परिणामों से यह स्पष्ट है कि क्षेत्रीय दलों को जनता का अधिक समर्थन मिला, जबकि राष्ट्रीय दलों को सीमित सफलता मिली।
इस चुनाव में, कश्मीर और जम्मू क्षेत्र की चुनावी प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप से अलग रहीं। कश्मीर में स्थानीय दलों का दबदबा रहा, जबकि जम्मू में भाजपा ने अपनी पकड़ बनाए रखी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: नेशनल कॉन्फ्रेंस की बढ़त, भाजपा पीछे
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में ताजा रुझानों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN) ने 42 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) 29 सीटों पर आगे है। इसके अलावा, निर्दलीय उम्मीदवार (IND) 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) 6 सीटों पर और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) 3 सीटों पर आगे चल रही है।
प्रमुख दलों की स्थिति:
- जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKN): 42 सीटों पर आगे/जीत
- भारतीय जनता पार्टी (BJP): 29 सीटों पर आगे/जीत
- निर्दलीय उम्मीदवार (IND): 7 सीटों पर आगे
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): 6 सीटों पर आगे
- जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP): 3 सीटों पर आगे
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का महत्व
जम्मू-कश्मीर में 2024 के चुनाव का महत्व कई कारणों से खास है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला चुनाव है, जिससे यह चुनाव प्रदेश के लिए नई दिशा और राजनीतिक स्थिरता तय करेगा। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की बढ़त यह दर्शाती है कि जनता का समर्थन क्षेत्रीय मुद्दों पर आधारित है, वहीं भाजपा का जोर राष्ट्रीय मुद्दों पर है।
राजनीतिक विश्लेषण और भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस की बढ़त इस ओर इशारा करती है कि स्थानीय मुद्दों ने इस चुनाव में बड़ी भूमिका निभाई है। भाजपा का मजबूत प्रदर्शन बताता है कि पार्टी जम्मू क्षेत्र में अपना प्रभाव बनाए रखे हुए है। निर्दलीय उम्मीदवार भी इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, खासकर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में।
चुनावी मुद्दे और जनता की प्राथमिकताएं
इस चुनाव में मुख्य मुद्दे विकास, रोजगार, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्वायत्तता रहे हैं। अनुच्छेद 370 का निरसन और उसके बाद के प्रभाव भी चुनावी चर्चा के केंद्र में रहे हैं। मतदाताओं की प्राथमिकता यह तय करेगी कि जम्मू-कश्मीर का भविष्य किस दिशा में जाएगा।
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: प्रमुख पार्टियों की स्थिति
जम्मू और कश्मीर में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। इस चुनाव में कुल 90 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था, और शीर्ष पाँच प्रमुख पार्टियों की स्थिति को लेकर अब तक के रुझानों के आधार पर तस्वीर साफ़ होती जा रही है।
मुख्य पार्टियों की स्थिति (चुनावी नतीजे 2024)
इन प्रमुख पार्टियों की स्थिति इस प्रकार है:
- भारतीय जनता पार्टी (BJP)
बीजेपी अब तक 28 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है या जीत दर्ज कर चुकी है। पार्टी का प्रदर्शन जम्मू क्षेत्र में काफी मजबूत रहा है, जहां से उसे सबसे ज्यादा सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। - जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (JKN)
नेशनल कांफ्रेंस, जो राज्य की पारंपरिक और पुरानी पार्टी है, अब तक 43 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है या जीत चुकी है। यह पार्टी विशेष रूप से कश्मीर घाटी में मजबूत पकड़ बनाए हुए है। - निर्दलीय उम्मीदवार (IND)
इस चुनाव में 7 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी जीत दर्ज की है। ये निर्दलीय उम्मीदवार मुख्यतः स्थानीय मुद्दों और व्यक्तिगत प्रभाव के आधार पर जीतने में कामयाब रहे हैं। - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में अब तक 7 सीटों पर जीत हासिल की है या बढ़त बनाए हुए है। हालांकि पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में उसे समर्थन मिला है। - जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP)
पीडीपी, जिसने पहले के चुनावों में बड़ी भूमिका निभाई थी, इस बार केवल 2 सीटों पर ही बढ़त बना सकी है या जीत दर्ज की है। यह पार्टी मुख्य रूप से घाटी में अपने मजबूत प्रभाव के लिए जानी जाती थी, लेकिन इस बार उसका प्रदर्शन कमजोर रहा है।
चुनावी विश्लेषण
जम्मू और कश्मीर के इस चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दों ने बड़ी भूमिका निभाई है। कश्मीर घाटी में नेशनल कांफ्रेंस का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है, जबकि जम्मू क्षेत्र में बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत की है। निर्दलीय उम्मीदवारों का उभार इस बात को दर्शाता है कि कई स्थानीय स्तर के मुद्दे और उम्मीदवारों की व्यक्तिगत छवि मतदाताओं के बीच प्रभावी रही है।
इस चुनाव का परिणाम आने वाले समय में राज्य की राजनीति को नया स्वरूप देगा। वर्तमान नतीजे और रुझान इस बात का संकेत दे रहे हैं कि राज्य की राजनीति अब बहुदलीय प्रणाली की ओर बढ़ रही है, जहां कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत नहीं हासिल कर रही है, लेकिन गठबंधन राजनीति का महत्व बढ़ सकता है।
भविष्य की संभावनाएं
चुनाव नतीजों से यह स्पष्ट हो रहा है कि गठबंधन की राजनीति राज्य की भविष्य की दिशा तय करेगी। बीजेपी और नेशनल कांफ्रेंस की अलग-अलग क्षेत्रों में मजबूत स्थिति इस बात की ओर संकेत करती है कि एकजुट और स्थिर सरकार बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम 2024: एनसी-कांग्रेस फिर से 50 सीटों से आगे
जैसे ही जम्मू और कश्मीर में मतगणना चल रही है, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस गठबंधन 53 सीटों पर बढ़त बना चुका है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 26 सीटों पर आगे चल रही है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024 का परिणाम राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में, जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलाव आए हैं, और इस बार का चुनाव परिणाम उस परिदृश्य को और स्पष्ट कर सकता है। एनसी-कांग्रेस गठबंधन की बढ़त इस बात का संकेत है कि राज्य में उनका प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
चुनावी रुझान
मतगणना के शुरुआती चरण में ही एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने महत्वपूर्ण बढ़त बना ली थी। जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, उनका रुझान 50 सीटों के पार चला गया। इससे राज्य में एनसी-कांग्रेस की शक्ति और प्रभाव का संकेत मिलता है। दूसरी ओर, भाजपा 26 सीटों पर आगे चल रही है, जो उनके लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थिति है।
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरण
जम्मू-कश्मीर में चुनावी संघर्ष हमेशा से ही राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच तीव्र रहा है। एनसी और कांग्रेस का गठबंधन इस बार राज्य की प्रमुख राजनीतिक ताकत के रूप में उभरता दिखाई दे रहा है, जबकि भाजपा भी अपनी पकड़ बनाए हुए है। इस चुनावी परिणाम से स्पष्ट है कि राज्य की राजनीति में बदलाव आ सकता है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम लाइव: इल्तिजा मुफ्ती ने कहा ‘जनता के फैसले को स्वीकार करती हूं’ जबकि वह पीछे चल रही हैं
श्रीगुफवारा-बिजबेहारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि वह जनता के फैसले को स्वीकार करती हैं, जबकि मतगणना के छह चरणों के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद शाह वीरी आगे चल रहे थे। श्रीगुफवारा-बिजबेहारा कभी पीडीपी का गढ़ था।
इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, “मैं जनता के फैसले को स्वीकार करती हूं। बिजबेहारा के लोगों से जो प्यार और स्नेह मिला, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा। मैं अपने पीडीपी कार्यकर्ताओं की भी आभारी हूं, जिन्होंने इस पूरे चुनाव अभियान में कड़ी मेहनत की।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन की बढ़त
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने शुरू हो गए हैं, जहां कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने शुरुआती रुझानों में बढ़त बना ली है। इन महत्वपूर्ण चुनावों के लिए 90 सीटों पर वोटों की गिनती आज सुबह 8 बजे शुरू हुई। यह चुनाव एक दशक के बाद हो रहे हैं और अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला चुनाव है।
जम्मू-कश्मीर में इस बार का चुनावी संघर्ष बेहद कड़ा रहा। इसमें फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी जैसे क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ कांग्रेस और बीजेपी जैसे राष्ट्रीय दलों की भागीदारी भी थी। इंडिया टुडे पर सीवोटर एग्ज़िट पोल के अनुसार, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को बढ़त मिलने की संभावना है, जबकि बीजेपी कश्मीर घाटी में अपनी स्थिति मजबूत करने में संघर्ष करती नजर आ रही है। हालांकि, जम्मू क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है।
क्या जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा बनेगी, या फिर बीजेपी, पीडीपी या निर्दलीय उम्मीदवार किंगमेकर की भूमिका में होंगे? जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ेगी, स्थिति स्पष्ट होती जाएगी। ताज़ा चुनाव परिणामों के लिए aakhirtak.com पर बने रहें।
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