आख़िर तक – एक नज़र में
- दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, 15 AAP पार्षदों का इस्तीफा एक साथ।
- बागी पार्षदों ने मुकेश गोयल के नेतृत्व में नई पार्टी ‘इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी‘ बनाई।
- इस्तीफा देने वाले अधिकतर पार्षद पहले कांग्रेस का हिस्सा थे, जो बाद में AAP में आए।
- यह घटनाक्रम दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों में भाजपा की जीत के ठीक बाद हुआ है।
- पार्टी में आंतरिक कलह और हालिया विधानसभा चुनावों में हार को भी इन इस्तीफों का कारण माना जा रहा है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
परिचय: AAP में बड़ी टूट, नई पार्टी का उदय
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को एक अभूतपूर्व राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के 15 मौजूदा पार्षदों ने एक साथ AAP पार्षद इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। इन बागी पार्षदों ने न केवल पार्टी छोड़ी, बल्कि एक नए राजनीतिक दल के गठन की भी घोषणा कर दी है। इस पूरी बगावत का नेतृत्व मुकेश गोयल कर रहे हैं, जो दिल्ली नगर निगम (MCD) में AAP के सदन के नेता रह चुके हैं। यह घटनाक्रम दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे रहा है।
विद्रोह का नेतृत्व और ‘इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी’ का गठन
इस्तीफा देने वाले AAP पार्षद कौन हैं?
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले 15 पार्षदों की सूची इस प्रकार है:
- हेमचंद गोयल
- हिमानी जैन
- रुनाक्षी शर्मा
- ऊषा शर्मा
- अशोक पांडे
- राखी यादव
- साहिब कुमार
- राकेश कुमार लाडी
- मनीषा
- सुमाली अनिल राणा
- दिनेश
- मुकेश कुमार गोयल
- देविंदर कुमार
- लीना कुमार
- कमल भारद्वाज
इन पार्षदों का एक साथ पार्टी छोड़ना आम आदमी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
पृष्ठभूमि: कांग्रेस से AAP और फिर नई राह
दिलचस्प बात यह है कि AAP पार्षद इस्तीफा देने वाले ये नेता पहले कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे। पिछले नगर निगम चुनावों से पहले, इन नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा था। मुकेश गोयल, जो 25 वर्षों तक नगर पार्षद रहे हैं, 2021 में कांग्रेस से AAP में शामिल हुए थे। इसी वर्ष फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में, गोयल ने आदर्श नगर से AAP के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। यह उनके राजनीतिक करियर का एक अहम मोड़ था।
MCD चुनावों में भाजपा की जीत और AAP का बहिष्कार
यह राजनीतिक भूचाल ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले भाजपा ने नागरिक चुनावों में जीत के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) पर फिर से नियंत्रण हासिल किया है। उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था। MCD चुनावों के नतीजों ने AAP की रणनीति पर प्रश्नचिह्न लगा दिए थे। इस इस्तीफे को उस घटनाक्रम से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
AAP में आंतरिक कलह और संगठनात्मक फेरबदल
दिल्ली में पार्टी को यह ताजा झटका इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार के बाद लगा है। उस हार के बाद से ही आम आदमी पार्टी आंतरिक कलह से जूझ रही है। पार्टी में असंतोष को रोकने के लिए, AAP ने मार्च में एक बड़ा संगठनात्मक फेरबदल किया था। इस फेरबदल के तहत पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज को अपनी दिल्ली इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभार दिया गया था, जहाँ दो साल में चुनाव होने हैं।
इसके अतिरिक्त, गोपाल राय को AAP का गुजरात प्रभारी बनाया गया है। वहीं, AAP के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक को छत्तीसगढ़ के विशेष प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये बदलाव पार्टी के भीतर चल रही उथल-पुथल को शांत करने और संगठन को मजबूत करने के प्रयास के तौर पर देखे गए थे। लेकिन AAP पार्षद इस्तीफा प्रकरण ने इन प्रयासों पर पानी फेर दिया है। यह घटना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक बड़ी चुनौती है। ‘इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी‘ का भविष्य दिल्ली की राजनीति में क्या गुल खिलाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- दिल्ली में 15 AAP पार्षदों का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए एक गंभीर संगठनात्मक संकट है।
- मुकेश गोयल के नेतृत्व में बागी पार्षदों ने ‘इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी‘ नामक नई पार्टी बनाई है।
- इस्तीफा देने वाले अधिकांश पार्षद पूर्व में कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे और बाद में AAP में शामिल हुए थे।
- यह घटनाक्रम दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों में भाजपा की जीत और AAP द्वारा चुनाव बहिष्कार के बाद हुआ।
- ये इस्तीफे AAP में जारी आंतरिक मतभेद, विधानसभा चुनाव में हार और नेतृत्व की पकड़ पर सवाल खड़े करते हैं।
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