आराध्या बच्चन ने हाई कोर्ट में दाखिल किया नया केस, झूठे वीडियो हटाने की मांग

आख़िर तक
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आराध्या बच्चन ने हाई कोर्ट में दाखिल किया नया केस, झूठे वीडियो हटाने की मांग

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. आराध्या बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य से जुड़े झूठे वीडियो हटाने की मांग की है।
  2. यह याचिका यूट्यूब और अन्य वेबसाइट्स पर झूठी जानकारी प्रसारित करने वाले वीडियो के खिलाफ दायर की गई है।
  3. कोर्ट ने गूगल को नोटिस जारी करते हुए वीडियो हटाने का आदेश दिया है।
  4. इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च 2025 को होगी।
  5. इससे पहले अप्रैल 2023 में भी आराध्या ने कोर्ट से झूठी वीडियो के खिलाफ याचिका दायर की थी।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

आराध्या बच्चन का स्वास्थ्य और झूठी जानकारी की मुहिम

आराध्या बच्चन, जो कि अभिनेता अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी हैं, ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में एक नई याचिका दायर की। इसमें उन्होंने इंटरनेट पर प्रसारित हो रहे झूठे स्वास्थ्य वीडियो को हटाने की मांग की है। इस मामले ने तब जोर पकड़ा जब यूट्यूब पर कुछ ऐसे वीडियो सामने आए, जिनमें दावा किया गया था कि आराध्या गंभीर रूप से बीमार हैं।

गूगल और अन्य प्लेटफार्मों को नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस याचिका पर गूगल को नोटिस जारी किया और उसे निर्देश दिया कि वह आराध्या से संबंधित झूठी जानकारी वाले वीडियो को तुरंत हटाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यूट्यूब वीडियो अपलोड करने वालों का जवाब नहीं आ रहा है और वे अपनी रक्षा का अधिकार खो चुके हैं।

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अदालत की कार्रवाई और निजता का उल्लंघन

आराध्या ने याचिका में यह दावा किया कि वह एक स्वस्थ बच्ची हैं और इस प्रकार के वीडियो उनकी निजता का उल्लंघन करते हैं। उनके स्वास्थ्य के बारे में झूठी खबरें प्रसारित करने से न केवल उनके परिवार की छवि को नुकसान हो रहा है, बल्कि इससे उनकी मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है।

पिछले मामले की पुनरावृत्ति

यह याचिका एक ऐसे मामले की पुनरावृत्ति है, जिसमें अप्रैल 2023 में आराध्या के पिता अभिषेक बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस समय कोर्ट ने यूट्यूब पर झूठी जानकारी प्रसारित करने वाले वीडियो पर अंतरिम आदेश जारी किया था और गूगल से ऐसे वीडियो हटाने के लिए कहा था।

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न्यायालय का संवेदनशील दृष्टिकोण

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया है और कहा है कि इस तरह की जानकारी फैलाने से बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन होता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की गतिविधियाँ मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं और समाज में गलत सूचना फैलाती हैं।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  1. आराध्या बच्चन ने हाई कोर्ट में झूठे स्वास्थ्य वीडियो हटाने की मांग की।
  2. गूगल को वीडियो हटाने का आदेश दिया गया।
  3. यूट्यूब पर स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी प्रसारित की जा रही थी।
  4. अदालत ने निजता और मानसिक स्वास्थ्य के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाया।
  5. आगामी सुनवाई 17 मार्च को होगी।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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