आतंकवाद के खिलाफ भारत को जर्मनी का मिला पूर्ण समर्थन

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आतंकवाद के खिलाफ भारत को जर्मनी का मिला पूर्ण समर्थन

आख़िर तक – एक नज़र में

  • जर्मनी ने पहलगम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उसने आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों का समर्थन किया।
  • जर्मन विदेश मंत्री ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को पूरी तरह से वैध ठहराया।
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद पर भारत की शून्य सहिष्णुता नीति को दोहराया।
  • भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ केवल द्विपक्षीय वार्ता ही संभव है।
  • प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित “न्यू नॉर्मल” के तहत सीमा पार आतंकवाद को युद्ध माना जाएगा।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को जर्मनी का दृढ़ समर्थन मिला है। जर्मनी ने हाल ही में हुए घातक पहलगम आतंकी हमले की निंदा की। उसने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का भी समर्थन किया। यह बयान भारत-जर्मनी के मजबूत होते संबंधों को दर्शाता है।

जर्मनी का स्पष्ट रुख और समर्थन

शुक्रवार को बर्लिन में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस कॉन्फ्रेंस में वाडेफुल ने पिछले महीने हुए पहलगम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। वाडेफुल ने स्पष्ट रूप से कहा, “सैन्य हमलों के बाद, भारत को निश्चित रूप से आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है।” उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा समझ को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने संघर्षों को द्विपक्षीय रूप से हल करने के लिए एक स्थिर संवाद का आह्वान किया। वाडेफुल ने कहा, “तथ्य यह है कि युद्धविराम अब लागू है, जिसकी हम बहुत सराहना करते हैं।” यह जर्मनी का समर्थन भारत के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया और नीति

विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी तीन देशों की यूरोप यात्रा के तहत जर्मनी में हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आतंकवाद पर भारत के दृढ़ रुख को दोहराया। जयशंकर ने कहा, “भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता है। भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।” यह भारत की नीति को स्पष्ट करता है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ केवल द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से ही जुड़ेगा। जयशंकर ने कहा, “इस संबंध में किसी भी तिमाही में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।” केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने भारत की स्थिति पर जर्मनी की समझ का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा, “हम जर्मनी की इस समझ को भी महत्व देते हैं कि हर राष्ट्र को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है।” यह आत्मरक्षा का अधिकार वैश्विक मान्यता प्राप्त है।

पृष्ठभूमि और कूटनीतिक प्रयास

22 अप्रैल को हुए पहलगम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने एक व्यापक कूटनीतिक प्रयास शुरू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक “न्यू नॉर्मल” की घोषणा की है। इसके तहत नई दिल्ली सीमा पार आतंकवाद के किसी भी कृत्य को भारत के खिलाफ युद्ध का कार्य मानेगी। यह नई नीति भारत के बदलते सुरक्षा दृष्टिकोण को दर्शाती है। जर्मनी का यह समर्थन भारत के कूटनीतिक प्रयासों को और मजबूती प्रदान करता है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • जर्मनी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई और आत्मरक्षा के अधिकार का पुरजोर समर्थन किया।
  • एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद पर भारत की शून्य सहिष्णुता नीति है और पाकिस्तान से केवल द्विपक्षीय वार्ता होगी।
  • पहलगम आतंकी हमला एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने भारत की प्रतिक्रिया को और दृढ़ किया।
  • भारत अब सीमा पार आतंकवाद को युद्ध के समकक्ष मानने की “न्यू नॉर्मल” नीति अपना रहा है।
  • जर्मनी का समर्थन भारत के कूटनीतिक प्रयासों और आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक मंच पर मजबूती देता है।

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