अडानी समूह विवाद: राजनीतिक चाल या जांच की ज़रूरत?

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अडानी और अज़्योर पावर केस में US सिक्योरिटी पैनल का बड़ा कदम

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. अडानी समूह पर अमेरिकी अदालत में घूसखोरी के आरोप लगे हैं।
  2. महेश जेठमलानी ने इन आरोपों को ‘राजनीतिक प्रेरित’ बताया।
  3. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में चर्चा की मांग की।
  4. मामला भारत की रेगुलेटरी संस्थाओं की भूमिका पर सवाल उठा रहा है।
  5. आरोपों में 2020-2024 के बीच सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स से जुड़ी रिश्वत का दावा है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

महेश जेठमलानी की प्रतिक्रिया

वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता महेश जेठमलानी ने अडानी समूह पर लगे घूसखोरी के आरोपों को ‘निराधार’ और ‘राजनीतिक चाल’ बताया। उन्होंने आरोपों को भारतीय उद्योगपतियों की छवि खराब करने की साजिश करार दिया। जेठमलानी ने कहा, “कोई स्पष्ट सबूत नहीं है कि घूस दी गई। यह आरोप महज एक अधूरे अपराध की साजिश का हिस्सा हैं।”

कांग्रेस की मांग

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। उन्होंने सेबी (SEBI) और अन्य रेगुलेटरी संस्थाओं की भूमिका पर सवाल उठाए। तिवारी ने कहा, “यह मुद्दा भारत के बिजनेस माहौल की वैश्विक छवि को प्रभावित कर सकता है।”

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राजनीतिक विवाद

कांग्रेस ने भारतीय एजेंसियों से जांच की मांग की है। वहीं, बीजेपी नेताओं ने आरोपों को विपक्ष की राजनीतिक चाल बताया।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • महेश जेठमलानी ने आरोपों को ‘राजनीतिक’ करार दिया।
  • कांग्रेस ने संसद में चर्चा और जांच की मांग की।
  • मामला भारत की रेगुलेटरी एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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