आख़िर तक – एक नज़र में
- गौतम अदानी पर अमेरिकी अदालत में संयुक्त आपराधिक और सिविल ट्रायल का आदेश।
- 265 मिलियन डॉलर रिश्वत देने के आरोप।
- तीन मामलों को न्यायिक दक्षता के लिए एक साथ जोड़ा गया।
- मामलों की सुनवाई जिला न्यायाधीश निकोलस जी. गरौफिस करेंगे।
- अदानी समूह ने आरोपों को “बेहूदे” और “आधारहीन” बताया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
अमेरिकी अदालत का अहम आदेश
गौतम अदानी और अन्य के खिलाफ रिश्वत के आरोपों पर अमेरिकी अदालत ने एक बड़ा कदम उठाया है। अदालत ने तीन मामलों—US बनाम अदानी (आपराधिक मामला), SEC बनाम अदानी (सिविल मामला), और SEC बनाम कैबानेस (सिविल मामला)—को एक संयुक्त ट्रायल में जोड़ने का निर्णय लिया।
265 मिलियन डॉलर रिश्वत का मामला
आरोप है कि अदानी और अन्य ने सोलर ऊर्जा अनुबंध प्राप्त करने के लिए 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। इन अनुबंधों में राज्य बिजली वितरण कंपनियों की भागीदारी रही।
न्यायिक दक्षता और मामलों का पुन: असाइनमेंट
अदालत ने कहा कि इन मामलों को एक साथ सुनने से न्यायिक दक्षता बढ़ेगी। मामले जिला न्यायाधीश निकोलस जी. गरौफिस को सौंपे गए हैं, जो अदानी के खिलाफ आपराधिक मामले की भी देखरेख कर रहे हैं।
अदानी समूह का बयान
अदानी समूह ने सभी आरोपों को “बेबुनियाद” बताया और कहा कि समूह कानून का पालन करता है। समूह के प्रवक्ता ने बयान दिया, “अभियोजन पक्ष के आरोपों पर हमारा संगठन निर्दोष है।”
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- गौतम अदानी और अन्य पर 265 मिलियन डॉलर रिश्वत का आरोप।
- अमेरिकी अदालत ने तीन मामलों को संयुक्त ट्रायल में जोड़ा।
- न्यायिक दक्षता के लिए यह निर्णय लिया गया।
- अदानी समूह ने सभी आरोपों को नकारा।
- मामले पर आगे की सुनवाई का इंतजार करें।
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