अजित पवार का बयान: महाराष्ट्र में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नहीं चलेगा

आख़िर तक
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अजित पवार का बयान: महाराष्ट्र में 'बटेंगे तो कटेंगे' नहीं चलेगा

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स

  • एनसीपी नेता अजित पवार ने भाजपा के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे का विरोध किया।
  • उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में यह नारा काम नहीं करेगा; विकास और एकता पर ध्यान देना चाहिए।
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नारे का समर्थन किया था।
  • महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी होने के बावजूद अजित पवार इस नारे के विरोध में हैं।
  • महाराष्ट्र में एक ही चरण में 20 नवंबर को चुनाव होंगे।

आख़िर तक – इन डेप्थ

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा ने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारा दिया है, जो हिंदू एकता को बढ़ावा देने का संदेश देता है। लेकिन इसके विरोध में, एनसीपी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस नारे को महाराष्ट्र के लिए अस्वीकार्य बताया है। उनका मानना है कि इस नारे के बजाय ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर ध्यान देना चाहिए, जो सभी समुदायों के साथ समानता और विकास को बढ़ावा देगा।

अजित पवार का बयान

इंडिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में जब अजित पवार से ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैं इसका समर्थन नहीं करता। मैंने कई बार यह कहा है कि यह महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा। यह शायद उत्तर प्रदेश, झारखंड या कुछ अन्य जगहों पर काम कर सकता है।”

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यह नारा पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया था, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू हिंसा का संदर्भ दिया था। बाद में, इसे आरएसएस और भाजपा के कई नेताओं ने अपनाया और महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार में इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना दिया।

महाराष्ट्र में भाजपा का प्रचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी हाल ही में चुनावी रैली में इस नारे को दोहराया। धुले में एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम तब सुरक्षित रहेंगे जब हम एकजुट रहेंगे।” लेकिन पवार ने इसे महाराष्ट्र के लिए अनुपयुक्त बताया और कहा कि यहाँ की राजनीति उत्तर भारत से अलग है।

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पवार का ऐतिहासिक संदर्भ

अजित पवार ने पहले भी इस नारे के उपयोग पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की रैली के बाद टिप्पणी करते हुए कहा कि महाराष्ट्र हमेशा सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने का प्रयास करता आया है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज, और महात्मा फुले का है। आप महाराष्ट्र की तुलना अन्य राज्यों से नहीं कर सकते; महाराष्ट्र के लोग इसे पसंद नहीं करते हैं।”

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इस नारे को “विभाजनकारी राजनीति” कहा और इसे समाज को बांटने वाला बताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे लेकर भाजपा पर एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ खड़ा करने का आरोप लगाया।

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महाराष्ट्र चुनाव और मतगणना

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे। महायुति गठबंधन (भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, और अजित पवार की एनसीपी) का सामना महा विकास अघाड़ी (उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी, और कांग्रेस) से होगा। मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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