अकाश बॉब्बा: भारतीय मूल के इंजीनियर को एलोन मस्क की DOGE टीम में मिली नियुक्ति

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अकाश बॉब्बा: भारतीय मूल के इंजीनियर को एलोन मस्क की DOGE टीम में मिली नियुक्ति

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. अकाश बॉब्बा, भारतीय मूल के इंजीनियर, एलोन मस्क के Department of Government Efficiency (DOGE) में शामिल हुए हैं।
  2. बॉब्बा को AI, डेटा एनालिटिक्स, और फाइनेंशियल मॉडलिंग में विशेषज्ञता हासिल है।
  3. उनका नाम सरकारी रिकॉर्ड्स में “विशेषज्ञ” के तौर पर दर्ज है और वह अमांडा स्केल्स के तहत काम करते हैं।
  4. बॉब्बा ने UC Berkeley से अपनी पढ़ाई की है और Meta, Palantir जैसी कंपनियों में इंटर्नशिप की है।
  5. उनके चयन से जुड़ी विवादों में प्रमुख है, उनके पास संवेदनशील सरकारी डेटा तक पहुंच है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

अकाश बॉब्बा: भारतीय इंजीनियर की असाधारण यात्रा

अकाश बॉब्बा, जिन्होंने हाल ही में एलोन मस्क के Department of Government Efficiency (DOGE) में अपनी जगह बनाई, अब व्यापक चर्चा का विषय बन गए हैं। एक युवा इंजीनियर, बॉब्बा की विशेषज्ञता AI, डेटा एनालिटिक्स, और फाइनेंशियल मॉडलिंग में है, जो उन्हें इस प्रतिष्ठित पद तक पहुँचाने में मददगार रही। उनका चयन विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी उम्र सिर्फ 22 वर्ष है और उनके पास अमेरिकी सरकारी प्रणालियों तक गहरी पहुंच है।

UC Berkeley से DOGE तक

अकाश बॉब्बा का शैक्षिक इतिहास काफी प्रभावशाली रहा है। वह UC Berkeley के Management, Entrepreneurship, and Technology प्रोग्राम का हिस्सा रहे हैं, जहाँ उन्होंने न केवल अपनी कोडिंग की क्षमताओं को प्रमाणित किया, बल्कि कई प्रमुख तकनीकी कंपनियों में इंटर्नशिप भी की। इनमें Meta, Palantir, और ब्रिजवॉटर एसोसिएट्स जैसी प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं।

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उनके सहपाठी, चारिस झांग, ने सोशल मीडिया पर एक घटना का उल्लेख किया जिसमें बॉब्बा ने अपनी टीम को बचाया। झांग ने बताया कि कैसे एक टीम सदस्य द्वारा गलती से पूरे कोडबेस को डिलीट कर दिया गया था और बॉब्बा ने रातों-रात पूरी परियोजना को फिर से लिखा और उसे समय से पहले प्रस्तुत किया।

DOGE में पद की स्थिति और विवाद

बॉब्बा का चयन अमेरिकी सरकार की संवेदनशील प्रणालियों में एक अहम बदलाव को दर्शाता है। डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) द्वारा नियुक्त किए गए इन युवा इंजीनियरों को गोपनीय जानकारी तक पहुंच प्राप्त है, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। आलोचकों का कहना है कि इन कम अनुभव वाले युवाओं के पास इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना एक जोखिम हो सकता है।

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WIRED द्वारा रिपोर्ट किए गए तथ्यों के अनुसार, बॉब्बा सहित अन्य इंजीनियरों को GSA (General Services Administration) जैसे महत्वपूर्ण सरकारी विभागों में उच्च स्तर की अनुमति प्राप्त है। इन युवा इंजीनियरों को संवेदनशील डेटा और प्रणाली की जानकारी दी गई है, जिससे सरकार की निगरानी और नियामक नियंत्रण पर सवाल उठ रहे हैं।

एलोन मस्क का दृष्टिकोण

एलोन मस्क के DOGE विभाग ने अपनी युवा टीम को बेहद विशिष्ट अधिकार दिए हैं, जो एक नई दिशा की ओर इशारा करते हैं। मस्क का दृष्टिकोण यह है कि सरकारी प्रणालियों को सुधारने और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ऐसे नवोन्मेषी और तकनीकी विशेषज्ञों की आवश्यकता है। हालांकि, इस चयन पर आलोचना भी हो रही है कि इससे सरकारी डेटा की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

अकाश बॉब्बा की कहानी एक युवा भारतीय इंजीनियर की सफलता का प्रतीक है, जिसने अपनी मेहनत और कौशल से सरकारी प्रणालियों तक पहुंच बनाई है। हालांकि, उनकी नियुक्ति के साथ कई विवाद भी जुड़े हैं, खासकर सरकार की संवेदनशील जानकारी तक उनकी पहुंच को लेकर। अब यह देखना होगा कि इस युवा टीम का काम सरकारी संरचनाओं पर कितना प्रभाव डालता है।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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