आख़िर तक – एक नज़र में:
- महाकुंभ में हुई भगदड़ में सरकार ने 30 मृतकों का आंकड़ा बताया, जबकि विपक्ष ने संख्या अधिक होने का दावा किया।
- अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सच्चाई छिपाई जा रही है।
- संसद में अखिलेश ने मांग की कि महाकुंभ के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं और सेना को प्रबंधन सौंपा जाए।
- सपा नेताओं ने दावा किया कि 15,000 लोग लापता हैं, लेकिन सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही।
- अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि घटनास्थल पर साक्ष्य मिटाने के लिए JCB का इस्तेमाल किया गया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार:
महाकुंभ भगदड़ में सरकार पर आरोप
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 29 जनवरी को महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 लोग घायल हुए हैं। सरकार का कहना है कि यह आंकड़ा वास्तविक है, लेकिन विपक्ष इस पर सवाल उठाते हुए कहता है कि मृतकों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह भगदड़ के वास्तविक आंकड़े छिपा रही है।
अखिलेश यादव की मांग
अखिलेश यादव ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान महाकुंभ की भगदड़ में मृतकों की सही संख्या और घायल व्यक्तियों की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा, “संसद में बजट पर चर्चा हो रही है, लेकिन महाकुंभ की भगदड़ के आंकड़े क्यों छिपाए जा रहे हैं?” साथ ही उन्होंने महाकुंभ के प्रबंधन की जिम्मेदारी सेना को सौंपने की भी मांग की। यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने घटनास्थल पर साक्ष्य मिटाने के लिए JCB का उपयोग किया।
विपक्ष का दावा
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि भगदड़ के बाद हजारों लोग लापता हो गए हैं। सपा के सांसद राम गोपाल यादव ने दावा किया कि 15,000 लोग अपने परिवार वालों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवा चुके हैं। सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है और सूचना भी नहीं दी जा रही है। विपक्ष ने इस मुद्दे को संसद में उठाया और महाकुंभ की भगदड़ पर चर्चा की मांग की।
महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ की सुरक्षा और आपातकालीन व्यवस्थाओं में भारी कमी थी। उनका कहना था कि सरकार ने पूरे आयोजन के दौरान आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं एक तरह से “आपदा प्रबंधन की विफलता” को दर्शाती हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
कांग्रेस और विपक्ष का समर्थन
पार्टी के नेता इस मुद्दे पर लगातार सरकार से जवाब मांग रहे हैं, और आगामी चुनावों में यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो सकता है। हालांकि, यह भी देखा जा सकता है कि सपा इस मुद्दे को अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बना रही है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें:
- महाकुंभ भगदड़ में सरकारी आंकड़े पर विपक्ष ने संदेह जताया।
- अखिलेश यादव ने मांग की कि महाकुंभ में हुई दुर्घटना के सभी आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं।
- सपा ने आरोप लगाया कि भगदड़ में 15,000 लोग लापता हैं।
- महाकुंभ के आयोजन के लिए जिम्मेदारी सेना को दी जानी चाहिए, यह सपा का सुझाव है।
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