आख़िर तक – एक नज़र में
- अमेरिका से 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक सैन्य विमान C-17 अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा।
- ये प्रवासी पंजाब और आसपास के राज्यों के बताए जा रहे हैं।
- पंजाब सरकार ने हवाई अड्डे पर प्रवासियों के स्वागत और सहायता के लिए काउंटर स्थापित किए।
- एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमेरिका के फैसले पर निराशा व्यक्त की।
- उन्होंने अवैध तरीकों से विदेश न जाने की सलाह दी है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
अमेरिका से डिपोर्ट: 205 भारतीय प्रवासियों की वापसी
बुधवार को, एक अमेरिकी सैन्य विमान C-17 लगभग 205 भारतीय प्रवासी (Indian emigrants) को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। ये वो लोग है जो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर गए थे। विमान के आने का समय पहले सुबह निर्धारित था, लेकिन बाद में इसमें बदलाव किया गया। विमान में सवार लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार इन भारतीय प्रवासियों को स्वीकार करेगी और हवाई अड्डे पर उनकी सहायता के लिए विशेष काउंटर स्थापित करेगी। ये काउंटर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेंगे। सरकार उनकी सुरक्षित वापसी और पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है।
एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमेरिकी सरकार के फैसले पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है और उन्हें निर्वासन के बजाय स्थायी निवास की अनुमति दी जानी चाहिए थी। धालीवाल ने यह भी कहा कि कई भारतीय कार्य परमिट पर अमेरिका गए थे, जिनकी अवधि बाद में समाप्त हो गई, जिससे वे अवैध अप्रवासी बन गए।
मंत्री धालीवाल ने अगले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने की योजना बनाई है ताकि अमेरिका में रहने वाले पंजाबियों की चिंताओं और हितों पर चर्चा की जा सके। उन्होंने पंजाबियों से अवैध तरीकों से विदेश न जाने की अपील की है। उन्होंने विदेश जाने से पहले कौशल और शिक्षा हासिल करने के महत्व पर जोर दिया ताकि दुनिया भर में अवसरों तक पहुंचा जा सके।
धालीवाल ने लोगों को कानूनी तरीकों से शोध करने, शिक्षा प्राप्त करने और भाषा कौशल हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे कानूनी रूप से विदेश जा सकें। उन्होंने कहा कि अवैध रास्ते अपनाने से न केवल धन की हानि होती है, बल्कि जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान, अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी, जिससे कई लोग डिपोर्ट हो रहे हैं। कई पंजाबियों ने “डंकी रूट” या अन्य अवैध तरीकों से लाखों रुपये खर्च करके अमेरिका में प्रवेश किया, और अब वे निर्वासन का सामना कर रहे हैं।
अवैध अप्रवासन: एक गंभीर समस्या
अवैध अप्रवासन एक गंभीर समस्या है जो कई परिवारों को प्रभावित करती है। लोग बेहतर जीवन की तलाश में अवैध तरीके अपनाते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें निराशा और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सरकार इस समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत है और लोगों को कानूनी तरीकों से विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- अमेरिका से 205 भारतीय प्रवासियों को लेकर एक सैन्य विमान अमृतसर पहुंचा।
- पंजाब सरकार ने हवाई अड्डे पर प्रवासियों के लिए विशेष व्यवस्था की।
- मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अवैध तरीकों से विदेश न जाने की सलाह दी।
- सरकार अवैध अप्रवासन के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और कानूनी तरीकों को बढ़ावा दे रही है।
- डिपोर्ट किए गए भारतीयों की मदद के लिए सरकार तत्पर है।
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