अस्थमा और तपेदिक दवाओं की कीमतों में 50% वृद्धि

3 Min Read
भारत का पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक नफिथ्रोमाइसिन लॉन्च

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स

  1. भारत में अस्थमा, तपेदिक, और मानसिक स्वास्थ्य दवाओं की कीमतें 50% बढ़ा दी गई हैं।
  2. यह वृद्धि आवश्यक दवाओं की लागत बढ़ने के कारण हुई, जिसमें प्रमुख अवयवों की कीमतें और उत्पादन खर्च शामिल हैं।
  3. नेशनल फ़ार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने जनता के व्यापक हित में इस मूल्य वृद्धि को मंजूरी दी है, ताकि इन दवाओं की उपलब्धता बनी रहे।

आख़िर तक – इन डेप्थ

भारत की नेशनल फ़ार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने अस्थमा, तपेदिक, और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दवाओं की कीमतों में 50% की वृद्धि की है। यह वृद्धि आवश्यक दवाओं के निर्माण में लगने वाली लागत, कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों के चलते की गई है। कई फार्मा कंपनियों ने इस समस्या के समाधान के लिए दवाओं की कीमतें बढ़ाने की मांग की थी, ताकि उनका उत्पादन जारी रखा जा सके।

इस मूल्य वृद्धि का प्रमुख कारण कच्चे माल की बढ़ती कीमतें, उत्पादन लागत और आर्थिक परिस्थितियों का बदलना है। कुछ कंपनियों ने उत्पादन बंद करने की भी चेतावनी दी थी, क्योंकि वर्तमान कीमतों पर दवाओं का निर्माण करना उनके लिए आर्थिक रूप से असंभव हो गया था।

इस मूल्य संशोधन में जिन दवाओं को शामिल किया गया है, उनमें अस्थमा, तपेदिक, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दवाएं शामिल हैं। इन दवाओं का उपयोग आम तौर पर प्राथमिक उपचार के रूप में किया जाता है, और ये विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाती हैं।

यह तीसरी बार है जब NPPA ने ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर, 2013 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का उपयोग किया है। इससे पहले, 2019 और 2021 में भी 21 और 9 फॉर्मूलेशन की कीमतों में 50% की वृद्धि की गई थी। NPPA का कहना है कि इस मूल्य वृद्धि को “जनता के व्यापक हित में” मंजूरी दी गई है, ताकि ये आवश्यक दवाएं बाजार में उपलब्ध रह सकें और उनकी कमी न हो।

प्रभावित दवाओं की सूची:

  • बेंज़िल पेनिसिलिन (बैक्टीरिया संक्रमण के उपचार के लिए)
  • एट्रोपिन इंजेक्शन (दिल की धड़कन की गति को नियंत्रित करने के लिए)
  • स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर (तपेदिक के उपचार के लिए)
  • सालबूटामोल टेबलेट और समाधान (अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों के लिए)
  • पाइलोकार्पिन ड्रॉप्स (ग्लूकोमा के उपचार के लिए)
  • सेफाड्रॉक्सिल टेबलेट (बैक्टीरियल संक्रमण के उपचार के लिए)
  • डेसफेरिओक्सामाइन इंजेक्शन (एनीमिया और थैलेसीमिया के उपचार के लिए)
  • लिथियम टेबलेट (मानसिक स्वास्थ्य के उपचार के लिए)

इस मूल्य वृद्धि का उद्देश्य इन आवश्यक दवाओं की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करना है, ताकि मरीजों को आवश्यक उपचार मिलता रहे।


Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Recipe Rating




Exit mobile version