कनाडा द्वारा बैन के बावजूद ‘Australia Today’ का समर्थन

आख़िर तक
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कनाडा द्वारा बैन के बावजूद 'Australia Today' का समर्थन

“आखिर तक – इन शॉर्ट्स” खंड:

  • ‘Australia Today’ ने कनाडा द्वारा बैन पर पारदर्शिता और प्रेस की आजादी का समर्थन किया।
  • चैनल के संपादक ने फ्री प्रेस के महत्व और पारदर्शिता की प्रतिबद्धता को दोहराया।
  • कनाडा ने S Jaishankar की प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखाने के बाद चैनल पर रोक लगाई।
  • भारत ने इस कदम पर कनाडा की अभिव्यक्ति स्वतंत्रता को ‘पाखंड’ बताया।
  • दोनों देशों के संबंधों में खलिस्तानी मुद्दों पर विवाद ने तनाव बढ़ाया है।

“आखिर तक – इन डेप्थ” खंड:

Australia Today नामक समाचार माध्यम, जिसे हाल ही में कनाडा द्वारा External Affairs Minister S Jaishankar की प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखाने के कारण बैन किया गया, ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वे इस रोक के बावजूद पारदर्शिता और सत्यता के लिए समर्पित हैं। संगठन ने फ्री प्रेस और प्रभावी कहानियों को जनता तक पहुँचाने के अधिकार पर जोर दिया है।

Jitarth Jai Bharadwaj, ऑस्ट्रेलिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर, ने बयान में कहा, “हम जनता के लिए महत्वपूर्ण कहानियाँ और आवाजें लाने के अपने मिशन में अडिग हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि “फ्री प्रेस के महत्व का समर्थन जो हमें मिला है, वह प्रेरणादायक है और हम पारदर्शिता व सत्यता के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।”

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कनाडा ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया टुडे के खिलाफ कदम उठाते हुए इस पर बैन लगा दिया, जिससे भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर हैरानी जताई और कहा कि यह कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड को उजागर करता है। इसके साथ ही, भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कनाडा की इन कार्रवाइयों से उनकी स्वतंत्रता पर विश्वास कम हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया टुडे ने कहा, “हम पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद फ्री और ओपन जर्नलिज्म के प्रति आपका समर्थन हमारे लिए शक्ति का स्तंभ बना है।”

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हालांकि, इन प्रतिबंधों के चलते दोनों देशों के बीच खालिस्तानी आतंकवाद पर विवाद और गहरा गया है। कनाडा और भारत के बीच संबंध पिछले कुछ महीनों से खालिस्तानी चरमपंथियों के मुद्दों के कारण खराब हो गए हैं।

“याद रखने योग्य मुख्य बिंदु” खंड:

  • Australia Today का कनाडा के बैन के खिलाफ फ्री प्रेस का समर्थन।
  • भारत ने कनाडा की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड की आलोचना की।
  • खालिस्तानी मुद्दों पर विवाद के कारण दोनों देशों के रिश्तों में तनाव।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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