बंगाल वक्फ हिंसा: जांच में बांग्लादेशी उपद्रवियों का हाथ?

आख़िर तक
5 Min Read
भारत बांग्लादेश अल्पसंख्यक अधिकार: बंगाल हिंसा पर तीखी नोकझोंक

आख़िर तक – एक नज़र में

  • पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून पर हुई बंगाल वक्फ हिंसा की जांच जारी है।
  • प्रारंभिक जांच में बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता का संदेह जताया गया है।
  • सूत्रों ने यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी है।
  • ममता बनर्जी सरकार पर घुसपैठियों की निगरानी में विफल रहने का आरोप है।
  • इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

- विज्ञापन -

बंगाल वक्फ हिंसा: क्या बांग्लादेशी उपद्रवियों का है हाथ? जांच जारी

पश्चिम बंगाल में हाल ही में वक्फ कानून को लेकर भड़की बंगाल वक्फ हिंसा की प्रारंभिक जांच में महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। सूत्रों के अनुसार, इस जांच ने बांग्लादेशी उपद्रवियों की संभावित संलिप्तता की ओर इशारा किया है। यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दी गई है। यह घटनाक्रम राज्य में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

- विज्ञापन -

जांच के मुख्य बिंदु और आरोप
जांच में यह भी पाया गया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार कथित तौर पर घुसपैठियों पर नजर रखने में विफल रही। यह विफलता तब सामने आई जब वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जिलों में अशांति फैली। इस अशांति के दौरान हुई बंगाल वक्फ हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई। कई अन्य लोग घायल भी हुए। राज्य सरकार पर लगे ये आरोप गंभीर हैं।

वक्फ कानून और विरोध का संदर्भ
पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्तियों की संख्या काफी अधिक है। राज्य में 80,480 से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं। यह संख्या उत्तर प्रदेश (2.2 लाख) के बाद देश में दूसरी सबसे ज्यादा है। हाल ही में पारित वक्फ कानून के बाद राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। इस कानून से वक्फ संपत्तियों के रेगुलेशन में सरकार की भूमिका बढ़ती है। मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग इसे उनकी जमीन “छीनने” की कोशिश के रूप में देख रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने ऐसे दावों को खारिज किया है। इसी पृष्ठभूमि में बंगाल वक्फ हिंसा भड़की।

- विज्ञापन -

हिंसा का घटनाक्रम
विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। मुर्शिदाबाद जिले के सूती और समशेरगंज में कई दुकानें और वाहन जला दिए गए। स्थानीय लोगों के घरों में तोड़फोड़ की गई। 11 अप्रैल को मुस्लिम बहुल जिले में अशांति फैलने के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इन क्षेत्रों से भाग गए हैं। मुर्शिदाबाद जिला बांग्लादेश की सीमा से लगा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां 66% मुस्लिम आबादी है। यह अशांति सोमवार को दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ तक फैल गई। यहां इंडिया सेक्युलर फ्रंट (ISF) के नेतृत्व में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों को कोलकाता जाने से रोकने पर उनकी पुलिस से झड़प हुई। उन्होंने वाहनों में आग लगा दी। बंगाल वक्फ हिंसा ने राज्य को हिला दिया।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया और न्यायिक हस्तक्षेप
इस हिंसा के बीच, बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तृणमूल सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी मामले में हस्तक्षेप किया है। कोर्ट ने संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति की अपील की है। उन्होंने दावा किया कि विवादास्पद कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। उनका यह बयान बंगाल वक्फ हिंसा को शांत करने का प्रयास है।

वर्तमान स्थिति और गिरफ्तारियां
पुलिस के अनुसार, हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 210 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। हालांकि, बंगाल वक्फ हिंसा के कारणों और परिणामों की पूरी जांच अभी बाकी है। केंद्रीय बलों की तैनाती से स्थिति नियंत्रण में आने की उम्मीद है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • बंगाल वक्फ हिंसा की जांच में बांग्लादेशी उपद्रवियों के शामिल होने का संदेह है।
  • सूत्रों ने यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी है, राज्य सरकार पर निगरानी में चूक का आरोप।
  • वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना में हिंसा हुई, 3 मौतें।
  • राज्यपाल ने रिपोर्ट मांगी, कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया।
  • सीएम ममता बनर्जी ने शांति की अपील की, अब तक 210 गिरफ्तारियां हुई हैं।

Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य स्मार्टफोन की जासूसी से बचें