आख़िर तक – एक नज़र में
- विदेश मंत्रालय ने बताया कि 2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 2200 मामले दर्ज किए गए।
- इसी अवधि में पाकिस्तान में भी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 112 मामले सामने आए।
- भारत सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों सरकारों से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
- 2022 में बांग्लादेश में हिंसा के 47 मामले थे, जो 2023 में बढ़कर 302 हो गए, और 2024 में 2200 हो गए।
- भारत ने इन मामलों को राजनयिक माध्यमों से उठाया है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि 2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 2,200 मामले सामने आए हैं। यह हिंसा विशेष रूप से शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद बढ़ी है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में इसी अवधि में ऐसे 112 मामले दर्ज किए गए। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा (Hindu violence) के मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं।
भारत की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताएं साझा की हैं। सरकार ने बांग्लादेश से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि वह हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए। साथ ही, भारत ने पाकिस्तान सरकार से धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा, और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।
राजनयिक प्रयास
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को राजनयिक माध्यमों से उठाती रही है। भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उजागर किया है। सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों को पत्र लिखकर उनके देशों में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
आंकड़ों का विश्लेषण
मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2022 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 47 मामले दर्ज किए गए थे। 2023 में यह संख्या बढ़कर 302 हो गई, और 2024 में 8 दिसंबर तक यह 2,200 तक पहुंच गई। इसी तरह, पाकिस्तान में 2022 में 241 मामले, 2023 में 103 मामले, और 2024 में अक्टूबर तक 112 मामले दर्ज किए गए। सरकार ने यह भी बताया कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के अलावा किसी अन्य पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया है।
मंत्रालय का बयान
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि बांग्लादेश हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। विदेश सचिव ने 9 दिसंबर, 2024 को अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी यही बात दोहराई थी।
राजनीतिक संदर्भ
बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव आया। अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। इसके कुछ दिनों बाद, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली थी।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा (Hindu violence) के 2200 मामले सामने आए। पाकिस्तान में भी 112 मामले दर्ज हुए। भारत सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। यह आंकड़े विदेश मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में साझा किए गए थे।
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