आख़िर तक – एक नज़र में
- बांग्लादेश में दो और हिंदू पुजारी गिरफ्तार किए गए हैं।
- ये पुजारी जेल में एक अन्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को भोजन और दवाएं देने गए थे।
- पुजारी चिन्मय दास पहले से ही देशद्रोह के आरोप में जेल में हैं।
- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं।
- भारत ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
पुजारियों की गिरफ्तारी का मामला
बांग्लादेश के चटगांव में दो और हिंदू पुजारियों, रुद्रप्रति केशव दास और रंगनाथ श्यामा सुंदर दास, को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये दोनों पुजारी जेल में बंद चिन्मय कृष्ण दास को भोजन, दवाइयां, और पैसे देने गए थे। चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने पुष्टि की है कि उन्हें जांच के तहत हिरासत में लिया गया है।
प्रशासन की कठोर कार्रवाई
बांग्लादेश में अगस्त में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार गिरने के बाद से हिंदू समुदाय पर हमले तेज हो गए हैं। अब तक 200 से अधिक मंदिरों पर हमले की रिपोर्ट मिली है। सरकार ने इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए हैं, जिनमें चिन्मय कृष्ण दास का खाता भी शामिल है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत ने बढ़ती चरमपंथी घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- दो और हिंदू पुजारी बांग्लादेश में गिरफ्तार।
- हिंदू समुदाय पर हमले और मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया।
- भारत ने बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपील की।
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