बांग्लादेश में हिंदू साधु की जमानत याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी को

आख़िर तक
2 Min Read
बांग्लादेश में हिंदू साधु की जमानत याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी को

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. बांग्लादेश में हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका दायर।
  2. जमानत याचिका की सुनवाई 20 जनवरी को उच्च न्यायालय में होगी।
  3. दास पर देशद्रोह का मामला, नवंबर 2024 में गिरफ्तारी।
  4. भारत सरकार ने निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने की अपील की।
  5. अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए दास बने थे आवाज।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

देशद्रोह के आरोप और गिरफ्तारी
हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जो बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की आवाज़ उठाने के लिए जाने जाते हैं, नवंबर 2024 से जेल में हैं। उन्हें ढाका पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया। आरोप लगाया गया कि उन्होंने एक रैली में बांग्लादेश के झंडे का अपमान किया।

जमानत याचिका और भारत की प्रतिक्रिया
दास के वकीलों ने हाल ही में उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई 20 जनवरी को हो सकती है। इससे पहले, चटग्राम कोर्ट ने 2 जनवरी को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। भारत ने इस मामले में बांग्लादेश सरकार से निष्पक्ष सुनवाई की अपील की है।

- विज्ञापन -

अल्पसंख्यकों की स्थिति
बांग्लादेश में हाल ही में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हिंसा की कई घटनाएं हुईं। शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद, देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गए हैं।

हिंदू वकीलों का मामला
इसके अलावा, एक मुस्लिम वकील की मौत के मामले में फंसे 70 हिंदू वकीलों में से 63 को हाल ही में अंतरिम जमानत मिली है। इन्हें 1,000 टका के निजी बंधन पर जमानत दी गई।

- विज्ञापन -

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  1. साधु दास की जमानत याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
  2. दास अल्पसंख्यक अधिकारों के संघर्ष की प्रमुख आवाज हैं।
  3. बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाएं जारी हैं।
  4. चटग्राम में 63 हिंदू वकीलों को अंतरिम जमानत दी गई।
  5. भारत ने निष्पक्ष सुनवाई के लिए बांग्लादेश से अपील की है।

Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

करवा चौथ: महत्व और उत्सव खोया हुआ मोबाइल कैसे ढूंढे: आसान और तेज़ तरीके