बांग्लादेश में ताज़ा हिंसा में 20 से अधिक लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए हैं। यह हिंसा तब भड़की जब प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की। इस उथल-पुथल ने ढाका को एक युद्ध क्षेत्र में बदल दिया है।
हिंसा और प्रदर्शन रविवार को हजारों छात्र और कार्यकर्ता ढाका की सड़कों पर उतर आए और सरकारी नौकरी के लिए आरक्षित कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग की। यह कोटा बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता युद्ध के दिग्गजों के परिवारों के लिए 30% पदों को आरक्षित करता है। सुप्रीम कोर्ट के कोटा को 5% तक कम करने के बावजूद, प्रदर्शन जारी है।
पुलिस की प्रतिक्रिया वर्तमान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। ढाका के उत्तरा क्षेत्र में बम धमाके और गोलियों की आवाजें सुनने को मिलीं। पुलिस अधिकारी ने शहर की स्थिति को “युद्ध क्षेत्र” के रूप में वर्णित किया।
राजनीतिक संदर्भ प्रदर्शन सरकार की कोटा प्रणाली और अन्य मुद्दों पर असंतोष का परिणाम हैं। सरकार और विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के बीच गहरी राजनीतिक विभाजन को प्रदर्शित करते हुए झड़पें हुई हैं। प्रदर्शनकारियों ने टैक्स, उपयोगिता बिल और काम का बहिष्कार करने की अपील की है।
वर्तमान स्थिति स्थिति अस्थिर बनी हुई है और प्रदर्शनकारियों और सरकारी बलों के बीच आगे की झड़पों की संभावना है। देश की दिशा अब सरकार की प्रतिक्रिया और प्रदर्शनकारियों की निरंतर गतिविधियों पर निर्भर करती है।
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