बांगलादेश में भारत की स्थिति कमजोर, चीन और पाकिस्तान का बढ़ा प्रभाव

आख़िर तक
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बांगलादेश में भारत की स्थिति कमजोर, चीन और पाकिस्तान का बढ़ा प्रभाव

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. भारत और बांगलादेश के संबंध में खट्टास बढ़ी है।
  2. बांगलादेश में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद रिश्तों में गिरावट आई है।
  3. चीन और पाकिस्तान की बढ़ती उपस्थिति ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।
  4. बांगलादेश ने पाकिस्तान और चीन के साथ अपने सैन्य और रणनीतिक संबंध मजबूत किए हैं।
  5. अमेरिका और भारत के लिए बांगलादेश के साथ बेहतर रिश्ते रखना एक महत्वपूर्ण सामरिक आवश्यकता बन गया है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

भारत-बांगलादेश के रिश्तों में गिरावट

भारत और बांगलादेश के बीच बढ़ते तनाव ने दोनों देशों के रणनीतिक भविष्य को संदेहास्पद बना दिया है। अगस्त 5, 2024 को बांगलादेश में छात्रों द्वारा एक अंतरिम सरकार की सत्ता में आने के बाद से रिश्ते लगातार खराब होते गए हैं। इस बदलाव के बाद भारत ने पहले की तरह बांगलादेश की सत्ता में मौजूद सरकार का समर्थन नहीं किया, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के बाद आई है।

चीन और पाकिस्तान का बढ़ता प्रभाव

हाल ही में चीन और पाकिस्तान ने बांगलादेश के राजनीतिक और सैन्य मामलों में गहरी दखलअंदाजी बढ़ा दी है। चीनी राजदूत याओ वेन ने बांगलादेश के विभिन्न राजनीतिक नेताओं, जिनमें मोहम्मद युनुस और बांगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के सदस्य शामिल हैं, से मुलाकात की। चीन की यह सक्रियता भारत के लिए चिंताजनक है क्योंकि बांगलादेश के साथ राजनीतिक संबंध सुधारने के भारत के प्रयासों को लगातार मुश्किलें आती हैं।

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हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले और भारत का संघर्ष

भारत ने बांगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की रिपोर्ट की है, लेकिन बांगलादेश इसे नकारता है और इसे भारत द्वारा फैलाया गया भ्रम मानता है। इस बवाल में बांगलादेशी पुलिस द्वारा हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद जातीय हिंसा भड़क गई। इसके परिणामस्वरूप भारत में बांगलादेशी दूतावास पर प्रदर्शन हुए।

आर्थिक और सैन्य रिश्ते

जहाँ एक समय भारत, बांगलादेश का प्रमुख आर्थिक साझीदार था, वहीं अब चीन ने इसके स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत की है। चीन ने बांगलादेश के बंदरगाहों जैसे चट्टगांव और मोंगला का क़ब्ज़ा करने की योजना बनाई है। इन योजनाओं का भारतीय रणनीतिक दृष्टिकोण पर दीर्घकालिक असर हो सकता है, क्योंकि इससे चीन का प्रभाव क्षेत्र में बढ़ जाएगा।

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बांगलादेश के भविष्य के विकल्प

हालाँकि बांगलादेश ने चीन और पाकिस्तान के साथ अपनी गठजोड़ को मजबूत किया है, फिर भी वहाँ की अंतरिम सरकार में सुधार की संभावना है। युनुस ने भारत से बेहतर संबंधों की आवश्यकता की बात की है, लेकिन साथ ही उसने शेख हसीना के कार्यकाल को समाप्त करने के संकेत भी दिए हैं।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • भारत और बांगलादेश के रिश्ते वर्तमान में तनावपूर्ण हैं।
  • चीन और पाकिस्तान ने बांगलादेश में रणनीतिक प्रभाव बढ़ाया है।
  • भारत को बांगलादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।
  • बांगलादेश ने अपने बंदरगाहों के लिए चीन से बड़ी निवेश योजनाएं मानी हैं।
  • भारत और अमेरिका को बांगलादेश के साथ अपने संबंध मजबूत करने चाहिए।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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