आख़िर तक – एक नज़र में
- बांग्लादेश ने अल्पसंख्यकों पर 88 हमलों की पुष्टि की है।
- ये घटनाएं शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हुईं।
- अंतरिम सरकार ने 70 लोगों को गिरफ्तार किया है।
- भारत ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की।
- नए मामलों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
बांग्लादेश सरकार ने दी बड़ी स्वीकारोक्ति
बांग्लादेश ने मंगलवार को स्वीकार किया कि अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर 88 हिंसक घटनाएं हुईं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बताया कि इन मामलों में अब तक 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
बांग्लादेश की यह स्वीकारोक्ति तब आई जब भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने ढाका में अल्पसंख्यकों पर हमलों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने बांग्लादेशी नेतृत्व से इन घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
आंकड़े और मामलों की जानकारी
5 अगस्त से 22 अक्टूबर के बीच अल्पसंख्यकों के खिलाफ 88 मामले दर्ज किए गए हैं। आलम ने यह भी बताया कि हाल ही में सुनामगंज और गाज़ीपुर जैसे क्षेत्रों में नई हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि कई पीड़ित पूर्व सत्ताधारी पार्टी के सदस्य हो सकते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश सरकार ने पहले दावा किया था कि हिंदुओं पर हमले धर्म के कारण नहीं, बल्कि व्यक्तिगत विवादों या राजनीतिक दुश्मनी के कारण हुए। फिर भी, पुलिस हर मामले में उचित कार्रवाई कर रही है।
नई घटनाओं की जानकारी आने बाकी
आलम ने कहा कि 22 अक्टूबर के बाद की घटनाओं का विवरण जल्द ही साझा किया जाएगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- बांग्लादेश ने अल्पसंख्यकों पर हमलों को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया।
- 88 घटनाओं में 70 लोगों की गिरफ्तारी हुई।
- भारत ने इन हमलों पर चिंता व्यक्त की और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- सरकार ने व्यक्तिगत विवादों को भी हमलों का कारण बताया।
- हिंसक घटनाओं की संख्या में वृद्धि की संभावना है।
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