बीसीसीआई ने परिवार के समय में कमी की, गौतम गंभीर का कदम

आख़िर तक
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बीसीसीआई ने परिवार के समय में कमी की, गौतम गंभीर का कदम

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. बीसीसीआई ने गौतम गंभीर की सलाह पर भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के परिवार के समय को सीमित कर दिया है।
  2. यह फैसला भारत की दो हार की टेस्ट श्रृंखलाओं के बाद लिया गया था, जिनमें न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार शामिल है।
  3. गौतम गंभीर ने परिवार के साथ समय सीमित करने का सुझाव दिया ताकि टीम में अनुशासन को बेहतर बनाया जा सके।
  4. नई नीति के अनुसार, 45 दिन या उससे अधिक के टूर्नामेंटों में परिवार का ठहराव केवल 14 दिनों तक होगा।
  5. छोटे दौरों में यह समय केवल 7 दिन तक सीमित किया जाएगा।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

गौतम गंभीर का फैसला बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के लिए परिवार के समय में कमी करने का फैसला लिया है। यह कदम खासकर उन हालात में लिया गया है जहां भारतीय टीम को हाल ही में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखलाओं में निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा था। गौतम गंभीर, जो वर्तमान में भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच हैं, ने यह सुझाव दिया कि परिवार के साथ समय पर एक सीमा निर्धारित की जानी चाहिए ताकि टीम में अनुशासन में सुधार हो सके।

परिवार के समय पर नई नीति गौतम गंभीर की पहल के मुताबिक, यदि कोई टूर्नामेंट 45 दिनों से अधिक समय तक चलता है, तो खिलाड़ियों के परिवार को केवल 14 दिनों के लिए उनके साथ रहने की अनुमति दी जाएगी। छोटे दौरों में यह समय केवल 7 दिन तक सीमित रहेगा। यह निर्णय गंभीर ने भारतीय टीम की कमज़ोर प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए लिया था, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि खिलाड़ी अधिक ध्यान केंद्रित करें और टीम की समग्र अनुशासन व्यवस्था मजबूत हो।

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इंडियन टीम में अनुशासन का मुद्दा बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक, गौतम गंभीर ने यह भी कहा था कि टीम के जूनियर खिलाड़ियों को अधिक अनुशासित रखने की जरूरत है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान कुछ खिलाड़ियों ने टीम के साथ सामूहिक रात्रिभोज छोड़ दिए थे। यही कारण है कि गंभीर ने खिलाड़ियों की अनुशासन की कमी को दूर करने के लिए इस नीति को लागू किया।

मैच फीस और प्रदर्शन पर ध्यान गौतम गंभीर ने एक बैठक में यह सुझाव भी दिया कि खिलाड़ियों को मैच फीस तुरंत वितरित नहीं की जानी चाहिए। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ियों की प्रदर्शन के आधार पर उन्हें पुरस्कार दिया जाए, न कि स्वचालित रूप से। ऐसा करने से खिलाड़ियों को उनकी प्राथमिकताओं में बदलाव लाने और राष्ट्रीय टीम के प्रति जिम्मेदारी का एहसास होगा।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  1. बीसीसीआई ने परिवार के समय को सीमित किया है, विशेष रूप से लंबे दौरे पर।
  2. यह कदम टीम के प्रदर्शन में सुधार लाने और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
  3. गौतम गंभीर ने जूनियर खिलाड़ियों के प्रति सख्ती की बात की है।
  4. मैच फीस वितरण को प्रदर्शन के आधार पर पुनः समायोजित किया जाएगा।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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