आख़िर तक – एक नज़र में
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने FY25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान लगाया है।
- यह FY24 की 8.2% वृद्धि दर की तुलना में काफी धीमी है।
- यह अनुमान देश की आर्थिक गतिविधियों में गिरावट को दर्शाता है।
- FY25 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.8% और निर्माण क्षेत्र की 8.6% रहने की उम्मीद है।
- निजी उपभोग व्यय में FY25 में 7.3% वृद्धि की संभावना है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
FY25 में जीडीपी वृद्धि में गिरावट: मुख्य बिंदु
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, FY25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% तक सिमटने की संभावना है, जबकि FY24 में यह दर 8.2% थी। यह गिरावट आर्थिक गतिविधियों में धीमी गति का संकेत है और यह पिछले चार वर्षों में सबसे धीमी दर हो सकती है।
अर्थव्यवस्था के आंकड़े
- FY25 में वास्तविक जीडीपी ₹184.88 लाख करोड़ होने की उम्मीद है, जो FY24 के ₹173.82 लाख करोड़ से अधिक है।
- नाममात्र जीडीपी में 9.7% की वृद्धि के साथ ₹324.11 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
क्षेत्रीय प्रदर्शन
- कृषि और संबद्ध क्षेत्र: FY25 में 3.8% की वृद्धि दर, FY24 में 1.4% थी।
- निर्माण क्षेत्र: FY25 में 8.6% की वृद्धि, जो आर्थिक सुधार की उम्मीद जगाती है।
- वित्तीय और रियल एस्टेट सेवाएं: इनकी वृद्धि दर 7.3% अनुमानित है।
उपभोग व्यय का प्रभाव
निजी उपभोग व्यय (PFCE) FY25 में 7.3% की वृद्धि दर्शा रहा है, जबकि FY24 में यह 4% था। सरकारी व्यय (GFCE) में भी 4.1% की वृद्धि की संभावना है।
आरबीआई का संशोधित अनुमान
FY25 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.6% से घटाकर 6.4% किया।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- FY25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है।
- कृषि और निर्माण क्षेत्र में सकारात्मक सुधार के संकेत हैं।
- घरेलू उपभोग व्यय में FY25 में सुधार होने की उम्मीद है।
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