Aakhir Tak – संक्षेप में
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी द्वारा भारतीय पेशेवरों के लिए 90,000 कुशल श्रमिक वीज़ा देने के निर्णय का स्वागत किया।
- पीएम मोदी और चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की तीसरी बैठक में जर्मनी की इस नई नीति की घोषणा हुई।
- यह निर्णय भारत-जर्मनी के संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा और जर्मनी के कामगार संकट को भी हल करेगा।
Aakhir Tak – विस्तार में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी द्वारा भारतीय पेशेवरों के लिए वार्षिक कुशल श्रमिक वीज़ा और वर्क परमिट की सीमा को बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे पश्चिमी राष्ट्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की तीसरी भारत यात्रा के दौरान उनका स्वागत किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि जर्मनी ने भारतीय कुशल श्रमिकों को 90,000 वीज़ा देने का निर्णय लिया है, जो पहले 20,000 था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब भारत की गतिशीलता और जर्मनी की परिशुद्धता मिलती है, जब जर्मनी की इंजीनियरिंग और भारत की नवाचार मिलती है, तो इंडो-पैसिफिक और पूरे विश्व का एक बेहतर भविष्य तय होता है।” इसके अलावा, 2022 में भारत और जर्मनी ने एक समझौता किया था जो पेशेवरों और छात्रों के आवागमन को आसान बनाता है।
जर्मनी ने अपने वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाने का और भारतीय पेशेवर योग्यता को मान्यता देने का भी वादा किया है। जर्मन आर्थिक संस्थान के अनुसार, देश में विभिन्न उद्योगों में लगभग 5.7 लाख पद खाली हैं। नई वीज़ा नीति विदेशी प्रतिभाओं को आकर्षित करने और इस संकट को हल करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
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