आख़िर तक – एक नज़र में
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 का बजट पेश करते हुए बिहार को महत्वपूर्ण सौगात दी।
- मखाना उत्पादकों के लिए एक मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की गई।
- पटना हवाई अड्डे के विस्तार और नई बाईठा हवाई अड्डे की योजना भी सामने आई।
- बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना से खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा।
- ये घोषणाएं बिहार के चुनावी वर्ष में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
बिहार को मिली बड़ी सौगात
2025 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार को कई अहम घोषणाएं दी हैं। इस बजट में मखाना उत्पादकों के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की गई है। मखाना, जिसे ‘सुपरफूड’ के रूप में जाना जाता है, बिहार में बहुतायत में उगाया जाता है और इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात किया जाता है। मखाना बोर्ड का उद्देश्य इस उद्योग को और बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को फायदा हो सके।
बाईठा और पटना हवाई अड्डे का विस्तार
पटना हवाई अड्डे के विस्तार और बाईठा में नए बROWNFIELD हवाई अड्डे की योजना का ऐलान भी किया गया है। ये योजनाएं बिहार की उड्डयन सुविधाओं को सशक्त बनाएंगी और राज्य को कनेक्टिविटी में भी मजबूती मिलेगी। इस विस्तार से बिहार के यात्री और व्यापारिक क्षेत्रों को भी फायदा होगा।
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना की घोषणा ने बिहार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूती देने की दिशा में एक कदम बढ़ाया है। इस संस्थान से पूर्वी भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को न सिर्फ बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
चुनावी वर्ष में बिहार के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं
इस बजट में बिहार को मिले इन लाभों का राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बड़ा महत्व है। आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए, ये घोषणाएं राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं और राज्य की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकती हैं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- 2025 के केंद्रीय बजट में बिहार को मखाना बोर्ड, हवाई अड्डे विस्तार और खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में महत्वपूर्ण सौगातें मिली हैं।
- ये कदम बिहार के किसानों, व्यापारियों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए फायदेमंद होंगे।
- इन घोषणाओं का राजनीतिक प्रभाव भी हो सकता है, खासकर चुनावी वर्ष में।
- बिहार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए यह बजट एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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