आखिर तक – इन शॉर्ट्स
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान शहर में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रवाना हुए।
- मोदी राष्ट्रपति पुतिन सहित चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य ब्रिक्स देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
- यह सम्मेलन रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य वैश्विक मुद्दों के बीच महत्वपूर्ण वैश्विक विकास और सुरक्षा पर चर्चा के लिए हो रहा है।
आखिर तक – इन डेप्थ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो गए हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक अस्थिरता, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व संकट, की स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य वैश्विक विकास और सुरक्षा के मुद्दों पर प्रमुख चर्चा में भाग लेना है, जिसमें प्रमुख रूप से आर्थिक सहयोग, बहुपक्षीय सुधार और सांस्कृतिक व लोगों के बीच संपर्क पर जोर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की संभावना है। पीएम मोदी ने कहा कि “भारत ब्रिक्स के साथ निकट सहयोग को महत्व देता है, जिसने वैश्विक विकास एजेंडा और बहुपक्षीय सुधार पर संवाद के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है।”
भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार ने भारत की शांति और संवाद के माध्यम से संघर्ष समाधान के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत का मानना है कि सभी संबंधित पक्षों को संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान की तलाश करनी चाहिए।” यह शिखर सम्मेलन भारत-रूस संबंधों को और मजबूती देगा, जिसे पीएम मोदी ने ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ कहा है।
इस शिखर सम्मेलन से पहले एक बड़ा कूटनीतिक विकास यह हुआ कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ गश्त फिर से शुरू करने का निर्णय लिया, जिससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ।
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