आख़िर तक – एक नज़र में
- 2025 के केंद्रीय बजट में मालदीव को 28% की वृद्धि के साथ ₹600 करोड़ की सहायता दी गई।
- 2024 में, भारत-मालदीव संबंधों में तनाव के कारण यह राशि घटकर ₹470 करोड़ हो गई थी।
- राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ु के भारत दौरे के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आया।
- भूटान को सबसे अधिक ₹2150 करोड़ की सहायता दी गई, जबकि नेपाल को ₹700 करोड़ मिले।
- अन्य देशों में मॉरीशस, अफ्रीकी देशों और श्रीलंका को भी वित्तीय सहायता दी गई।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
मालदीव को सबसे अधिक सहायता वृद्धि
2025 के केंद्रीय बजट में मालदीव को सबसे अधिक 28% की सहायता वृद्धि मिली, जिससे यह राशि ₹600 करोड़ हो गई। 2024 में भारत-मालदीव संबंधों में तनाव के कारण यह सहायता घटकर ₹470 करोड़ कर दी गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत इस बजट को भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत देखा जा रहा है।
भारत-मालदीव संबंधों में सुधार
जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव के कुछ नेताओं ने नकारात्मक बयान दिए थे, जिससे संबंधों में खटास आई। इसके परिणामस्वरूप, जुलाई 2024 में पूर्ण बजट में मालदीव को मिलने वाली राशि घटा दी गई। हालांकि, अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ु की भारत यात्रा के बाद स्थिति सुधरने लगी।
अन्य देशों को दी गई सहायता
भारत ने भूटान को ₹2150 करोड़, नेपाल को ₹700 करोड़, और मॉरीशस को ₹500 करोड़ की सहायता प्रदान की। अफ्रीकी देशों को ₹225 करोड़ दिए गए, जबकि म्यांमार को दी गई राशि को ₹400 करोड़ से घटाकर ₹350 करोड़ कर दिया गया।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- मालदीव को 2025 के बजट में 28% अधिक सहायता दी गई।
- भूटान को सबसे अधिक ₹2150 करोड़ की सहायता मिली।
- भारत-मालदीव संबंधों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
- म्यांमार और मॉरीशस को दी गई सहायता राशि में कटौती हुई।
- ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत अन्य दक्षिण एशियाई देशों को वित्तीय सहायता मिली।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.