Aakhir Tak – संक्षेप में
- कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनावों के लिए गारंटी देने से पहले बजट पर विचार करने की सलाह दी।
- कर्नाटक सरकार ने महिला यात्रियों के लिए ‘शक्ति योजना’ की समीक्षा की बात कही थी, पर परिवहन मंत्री ने इसे नकारा।
- खड़गे ने चेताया कि बिना बजट के गारंटी देने से वित्तीय समस्याएं और भविष्य की चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
Aakhir Tak – विस्तृत में
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कांग्रेस इकाइयों को सलाह दी कि विधानसभा चुनावों से पहले किसी भी योजना की गारंटी देने से पहले बजट की समीक्षा अवश्य करें। यह टिप्पणी उस समय आई जब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने ‘शक्ति योजना’ की समीक्षा करने की बात कही थी, जो महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवाएं प्रदान करती है। हालांकि, कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने गुरुवार को इस योजना की समीक्षा की बात को खारिज कर दिया।
खड़गे ने कर्नाटक कांग्रेस को गारंटियों के प्रति असफलता पर फटकार लगाई और कहा, “आपने कर्नाटक में पांच गारंटियों का वादा किया। आपसे प्रेरित होकर हमने महाराष्ट्र में भी पांच गारंटियों का वादा किया। आज आप उनमें से एक गारंटी को रद्द करने की बात कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि आप सभी अखबार नहीं पढ़ते, लेकिन मैं पढ़ता हूं, इसलिए मैं आपको यह बता रहा हूं।”
खड़गे ने चुनावी इकाइयों को आगाह किया कि बिना योजना के गारंटियां वित्तीय समस्याओं का कारण बन सकती हैं और भविष्य की पीढ़ियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने वादों को पूरा करने में असमर्थ रही, तो इससे समुदायों में कठिनाई और बदनामी होगी।
खड़गे ने कहा, “मैंने महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं को सलाह दी कि पांच, छह, सात, या आठ गारंटियों का वादा करना बंद करें। इसके बजाय, ऐसे वादे करें जो आपके बजट के अनुरूप हों। बजट के बिना वादे करने से दिवालियापन हो सकता है; सड़कों पर रेत डालने के लिए भी पैसा नहीं बचेगा। यदि यह सरकार विफल हुई, तो इसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा और सरकार अगले दस वर्षों तक प्रतिबंधित हो सकती है।”
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