क्या भारत बेंगलुरु टेस्ट में 107 रनों का बचाव कर सकता है? जानें इतिहास

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क्या भारत बेंगलुरु टेस्ट में 107 रनों का बचाव कर सकता है? जानें इतिहास

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स:

  1. भारत को बेंगलुरु टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ 107 रनों का बचाव करना है।
  2. भारतीय टीम ने अपने इतिहास में केवल एक बार 107 या उससे कम का लक्ष्य सफलतापूर्वक बचाव किया है।
  3. सरफराज खान और ऋषभ पंत ने दूसरे पारी में शानदार बल्लेबाजी की, लेकिन बारिश ने मैच में खलल डाल दिया।

आख़िर तक – इन डेप्थ:

भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम के सामने 107 रनों का बचाव करने की चुनौती है। अगर भारत इसे जीतता है तो वह तीन मैचों की सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना लेगा। पर सवाल यह है कि क्या भारत इस छोटे से लक्ष्य का बचाव कर सकता है? इतिहास बताता है कि भारत ने अपने टेस्ट इतिहास में केवल एक बार 107 या उससे कम रनों का बचाव किया है।

2004 में, वानखेड़े स्टेडियम में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 93 रनों पर समेटकर 107 रनों का सफलतापूर्वक बचाव किया था। उस मैच में मुरली कार्तिक, अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की स्पिन तिकड़ी ने भारत को जीत दिलाई थी।

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इसी तरह, 1981 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 143 रनों का बचाव किया था और उन्हें 83 रनों पर आउट किया था।

न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने 1969 में 188 रनों का बचाव किया था, जो अब तक का सबसे कम स्कोर था। बेंगलुरु में सबसे कम लक्ष्य का बचाव 188 रन था, जो भारत ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था।

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भारत द्वारा टेस्ट में सफलतापूर्वक बचाए गए स्कोर:

टीमस्कोरलक्ष्यनतीजामैदानतारीख
ऑस्ट्रेलिया93107जीतावानखेड़े3 नवम्बर 2004
ऑस्ट्रेलिया83143जीतामेलबर्न7 फरवरी 1981
दक्षिण अफ्रीका105170जीताअहमदाबाद20 नवम्बर 1996
न्यूजीलैंड127188जीताब्रेबॉर्न25 सितम्बर 1969
ऑस्ट्रेलिया112188जीताबेंगलुरु4 मार्च 2017

दूसरी पारी में सरफराज खान ने 150 रन बनाकर भारत की पारी को मजबूती दी, जबकि ऋषभ पंत ने 99 रन बनाए। बारिश की वजह से न्यूज़ीलैंड की पारी के केवल चार गेंदें ही संभव हो सकीं, जिसके बाद खेल रोका गया।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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