कनाडा के पीएम ट्रूडो के भारत पर गंभीर आरोप

आख़िर तक
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कनाडा में अस्थायी विदेशी श्रमिकों की संख्या में कटौती: ट्रूडो

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स:

  1. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय सरकार के एजेंट कनाडा में सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों में शामिल हैं।
  2. ट्रूडो ने बताया कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के पास इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि भारतीय एजेंट दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को धमकी देने और दबाव बनाने में शामिल हैं।
  3. दोनों देशों के बीच इस कूटनीतिक तनाव ने भारतीय राजनयिकों को निकालने के कारण विवाद को और बढ़ा दिया है।

आख़िर तक – इन डेप्थ:

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने भारतीय सरकार के एजेंटों को कनाडा की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों में शामिल बताया है। ट्रूडो ने कहा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के पास “स्पष्ट और ठोस सबूत” हैं कि भारतीय एजेंट दक्षिण एशियाई कनाडाई नागरिकों को धमकाने और उन पर दबाव बनाने में शामिल हैं। यह बयान तब आया जब भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को देश से निकाल दिया, जिसमें कनाडा के कार्यकारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर भी शामिल थे।

भारत और कनाडा के बीच यह कूटनीतिक तनाव तब शुरू हुआ जब कनाडाई खुफिया एजेंसियों ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संभावित संलिप्तता का संकेत दिया। ट्रूडो ने बताया कि भारत के साथ कई बार सहयोग की कोशिश की गई, लेकिन भारत ने इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा, “यह अस्वीकार्य है,” और इस मामले में भारत की जवाबदेही की मांग की।

कनाडाई सरकार ने हाल ही में भारतीय अधिकारियों को RCMP के द्वारा एकत्र किए गए सबूत सौंपे, जिसमें भारतीय एजेंटों को आपराधिक गतिविधियों में संदिग्ध बताया गया। इस स्थिति के बीच ट्रूडो ने भारत के साथ गहरे व्यापारिक और सामाजिक संबंधों पर भी प्रकाश डाला, लेकिन उन्होंने कहा कि इस गंभीर मामले पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ट्रूडो ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी, लेकिन भारत की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

यह मुद्दा दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और बढ़ा रहा है, और इसके परिणामस्वरूप कनाडा के इंडो-कैनेडियन और सिख समुदाय में चिंता और भय का माहौल है। ट्रूडो ने इन समुदायों को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और वह इस स्थिति में आवश्यक कार्रवाई करेंगे।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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