आख़िर तक – एक नज़र में
- छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस की संयुक्त मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए।
- मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ इनाम वाला जयराम उर्फ चालापति शामिल।
- ऑपरेशन 19 जनवरी को गारीबंद और नुआपाड़ा जिलों की सीमा पर शुरू हुआ।
- मुठभेड़ के बाद भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद।
- गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “भारत नक्सलवाद मुक्त बनने की ओर।”
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
मुठभेड़ का स्थान और पृष्ठभूमि
छत्तीसगढ़ के गारीबंद जिले और ओडिशा के नुआपाड़ा जिले की सीमा पर सोमवार को सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई में 16 नक्सली ढेर हुए। ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस, ओडिशा पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की टीमें शामिल थीं।
ऑपरेशन का प्रारंभ
19 जनवरी को मिले खुफिया इनपुट के आधार पर, सुरक्षा बलों ने गहरी जंगलों में ऑपरेशन शुरू किया। खुफिया सूचना के अनुसार, सीमा क्षेत्र में बड़ी संख्या में नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी।
मुख्य उपलब्धियां
मारे गए नक्सलियों में जयराम उर्फ चालापति भी शामिल है, जिसके ऊपर एक करोड़ का इनाम था। इसके साथ ही, घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
नक्सलवाद पर गृहमंत्री की प्रतिक्रिया
गृहमंत्री अमित शाह ने इस सफलता को देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने ट्वीट किया, “सुरक्षा बलों की सफलता नक्सलवाद मुक्त भारत के निर्माण में बड़ी उपलब्धि है।” उन्होंने CRPF और दोनों राज्यों की पुलिस को धन्यवाद दिया।
नक्सलवाद का इतिहास और वर्तमान
भारत में नक्सलवाद एक बड़ी चुनौती रहा है। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में बताया कि 2024 में 220 नक्सलियों को मारा गया, जबकि पिछले पांच वर्षों में यह संख्या 219 थी। 2025 में अब तक 15 नक्सलियों को संयुक्त अभियानों में ढेर किया गया है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- छत्तीसगढ़ में बड़ी मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए।
- ऑपरेशन में CRPF और दोनों राज्यों की पुलिस की अहम भूमिका रही।
- प्रमुख नक्सल कमांडर जयराम का अंत नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में बड़ा कदम।
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