आख़िर तक – एक नज़र में
- चीन ने अपनी एयरलाइनों को अमेरिकी बोइंग डिलीवरी रोकने का निर्देश दिया है।
- यह कदम अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के और गहराने का स्पष्ट संकेत है।
- बीजिंग ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% का भारी जवाबी टैरिफ लगाया है।
- अमेरिकी कंपनियों से विमान मशीनरी और उपकरण की खरीद पर भी रोक लगा दी गई है।
- चीन बोइंग का सबसे बड़ा बाजार है, इस फैसले से कंपनी पर गंभीर असर पड़ेगा।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
चीन ने बोइंग डिलीवरी रोकी, अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध और तेज
चीन ने मंगलवार को अपनी एयरलाइनों को बड़ा निर्देश दिया। उसने अमेरिकी कंपनी बोइंग से किसी भी चीन बोइंग डिलीवरी का ऑर्डर न देने को कहा है। यह फैसला बीजिंग द्वारा सप्ताहांत में अमेरिकी उत्पादों पर 125% का भारी जवाबी टैरिफ लगाने के बाद आया है। यह टैरिफ डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयातों पर लगाए गए 145% शुल्क के जवाब में था। इससे दोनों देशों के बीच अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और बढ़ गया है।
विमान मशीनरी पर भी रोक
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने अमेरिकी कंपनियों से विमान मशीनरी और उपकरणों से संबंधित किसी भी खरीद को तत्काल रोकने का आदेश दिया है। यह कदम दिखाता है कि चीन व्यापार विवाद में सख्त रुख अपना रहा है। इस रोक का असर अमेरिकी एयरोस्पेस उद्योग पर पड़ सकता है।
घरेलू एयरलाइनों को बढ़ावा देने की योजना?
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीनी सरकार घरेलू एयरलाइनों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। ये एयरलाइनें बोइंग विमान किराए पर लेती हैं। सरकार ऊंचे टैरिफ के कारण बढ़ती लागत को कम करने में उनकी मदद कर सकती है। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बीच, बोइंग के पुर्जे और विमान चीन को लगभग दोगुने महंगे पड़ेंगे। यह स्थिति चीनी एयरलाइनों के लिए चुनौतीपूर्ण है।
बोइंग के लिए बड़ा झटका
अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग इस व्यापार युद्ध में फंस गई है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच यह टकराव कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध ने बोइंग के सबसे बड़े बाजार, चीन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 20 वर्षों में वैश्विक विमान मांग का 20 प्रतिशत चीन से आएगा। वास्तव में, 2018 में, बोइंग के विमानों का लगभग 25% हिस्सा चीन का था। चीन बोइंग डिलीवरी रुकने से कंपनी के भविष्य के ऑर्डर प्रभावित होंगे। यह बोइंग बाजार के लिए चिंता का विषय है।
चीन की मांग और हालिया घटनाक्रम
यह घटनाक्रम चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा अमेरिका से चीनी आयात पर 145% शुल्क को “पूरी तरह से समाप्त” करने का आग्रह करने के दो दिन बाद आया है। पिछले हफ्ते, ट्रंप ने यू-टर्न लेते हुए कुछ तकनीकी उत्पादों को चल रहे टैरिफ युद्ध से छूट दी थी। इससे एप्पल जैसी टेक कंपनियों को बड़ी राहत मिली, जो अपने अधिकांश उत्पादों का निर्माण और असेंबली चीन में करती हैं। अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी राहत मिली। हालाँकि, डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर लगातार बदलते रुख ने दुनिया को किनारे पर रखा है। चीन बोइंग डिलीवरी पर रोक इसी अनिश्चितता का परिणाम है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- चीन ने एयरलाइनों को चीन बोइंग डिलीवरी रोकने का आदेश दिया है।
- यह अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बढ़ने का नतीजा है, 125% जवाबी टैरिफ लगाया गया है।
- अमेरिकी कंपनियों से विमान मशीनरी और उपकरणों की खरीद भी तत्काल प्रभाव से रोकी गई है।
- चीन बोइंग का सबसे बड़ा बोइंग बाजार है, इस कदम का कंपनी पर गंभीर असर होगा।
- चीन ने अमेरिका से चीनी आयात पर लगे 145% शुल्क हटाने की मांग की है।
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