आख़िर तक – संक्षेप में
- राहुल गांधी के कार्यक्रम में खाली पन्नों वाली संविधान प्रतियां बाँटने पर विवाद शुरू हुआ।
- बीजेपी ने कांग्रेस पर संविधान की गलत प्रतियां बाँटने का आरोप लगाया।
- सरकारी और निजी प्रकाशक भारतीय संविधान की प्रतियां प्रकाशित कर सकते हैं।
- सर्वे ऑफ इंडिया लोकसभा के लिए संविधान की आधिकारिक प्रतियां प्रकाशित करता है।
- संविधान का नवीनतम संशोधन 106वां था, जो सितंबर 2023 में हुआ था।
आख़िर तक – विस्तार में
भारत का संविधान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो देश के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है। हाल ही में महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक कार्यक्रम के दौरान खाली पन्नों वाली संविधान प्रतियां बाँटने पर विवाद खड़ा हो गया। बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संविधान की खाली प्रतियां वितरित कीं, जिससे देशवासियों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई है।
संविधान की छपाई कौन करता है?
भारत के संविधान की आधिकारिक प्रतियां सर्वे ऑफ इंडिया, देहरादून, लोकसभा की ओर से प्रकाशित करता है। इन प्रतियों में सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में संशोधन अपडेट किए जाते हैं। नागरिक इन्हें कानून और न्याय मंत्रालय की वेबसाइट पर देख सकते हैं।
क्या निजी प्रकाशक संविधान छाप सकते हैं?
सरकारी प्रकाशित प्रतियों के अलावा, निजी प्रकाशकों को भी संविधान की प्रतियां छापने का अधिकार है। हालाँकि, कानून और न्याय मंत्रालय ने निजी प्रकाशकों के लिए कोई विशेष दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। निजी प्रकाशकों द्वारा छपी प्रतियां ऑनलाइन और किताब की दुकानों में उपलब्ध हैं।
संविधान का आखिरी संशोधन
संविधान का 106वां संशोधन 2023 में किया गया, जिसमें महिलाओं के लिए संसद और राज्य विधानसभाओं में एक-तिहाई सीटों का आरक्षण शामिल है। इस संशोधन में महिलाओं को 15 साल के लिए आरक्षण प्रदान किया गया है।
अन्य जानकारी
संविधान की प्रतियां अब किंडल पर भी उपलब्ध हैं और इनका मूल्य 65 रुपये है। इसके अलावा, पीडीएफ प्रारूप में संविधान की निःशुल्क प्रतियां भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं। एक ओर जहां सरकारी प्रतियां सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित होती हैं, वहीं निजी प्रकाशकों के माध्यम से भी संविधान की प्रतियां जनता के लिए उपलब्ध रहती हैं।
याद रखने योग्य मुख्य बातें:
- संविधान की आधिकारिक प्रतियां सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित होती हैं।
- निजी प्रकाशक संविधान की प्रतियां छापने के लिए स्वतंत्र हैं।
- संविधान का आखिरी संशोधन महिलाओं के लिए सीट आरक्षण के रूप में 2023 में हुआ।
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