सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन: धोनी भी बेबस, टीम पतन की ओर?

आख़िर तक
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सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन: धोनी भी बेबस, टीम पतन की ओर?

आख़िर तक – एक नज़र में

  • सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है, टीम गहरे संकट में है।
  • छह मैचों में पांच हार के बाद एमएस धोनी भी टीम को उबार नहीं पा रहे हैं।
  • टीम की पुरानी रणनीति और पावरप्ले में धीमी बल्लेबाजी बड़ी कमजोरी साबित हो रही है।
  • प्रमुख बल्लेबाजों और गेंदबाजों का फॉर्म में न होना चिंता का विषय है।
  • टीम में जीत का विश्वास और गहराई की कमी साफ दिख रही है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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सीएसके का संकट: जब ‘डार्क नाइट’ भी बचा न सके

आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) गहरे संकट में फंसी है। उनका सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन अब तक बेहद खराब रहा है। टीम के दिग्गज एमएस धोनी भी इस डूबती नैया को पार नहीं लगा पा रहे हैं। क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘द डार्क नाइट राइजेज़’ की तरह, CSK भी अपने ही ‘पिट’ (गड्ढे) में फंसी दिख रही है। फिल्म में ब्रूस वेन शारीरिक और भावनात्मक रूप से टूटकर एक अंधेरी कैद में होते हैं। बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता एक असंभव चढ़ाई है। उन्हें सलाह मिलती है – बिना रस्सी के चढ़ो, मौत के डर को अपनाओ। तभी वे सफल होते हैं। CSK को भी शायद इसी तरह के साहस और विश्वास की जरूरत है।

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हार का सिलसिला और धोनी की निराशा

छह मैचों में पांच हार झेल चुकी CSK का हाल बेहाल है। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ आठ विकेट की करारी हार उनके आईपीएल इतिहास की सबसे बुरी हारों में से एक थी। इस हार के बाद कप्तान एमएस धोनी पहले से कहीं ज्यादा निराश दिखे। शुक्रवार का मैच वापसी की उम्मीद जगा रहा था। धोनी 2023 के विजयी सीजन के बाद पहली बार कप्तानी कर रहे थे। फैंस को एक नई चिंगारी की उम्मीद थी। लेकिन रुतुराज गायकवाड़ की अनुपस्थिति में पुरानी समस्याएं और बड़ी होकर सामने आईं। सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं दिखा।

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पुरानी रणनीति बनी गले की फांस

एक बार फिर टीम की पुरानी सोच और डरपोक रवैया भारी पड़ा। जिस दौर में 200 रन आम बात है, CSK पहले गियर में फंसी दिख रही है। गिरावट के संकेत नीलामी से ही मिलने लगे थे। जब दूसरी टीमें पावर-हिटर जमा कर रही थीं, CSK पिछड़ गई। 43 वर्षीय धोनी को रिटेन करना समस्या नहीं थी। असली मुद्दा उनकी घटती क्षमताओं की भरपाई करने वाली टीम न बना पाना था। यह देखना दर्दनाक रहा है कि धोनी अब 2-3 ओवर से ज्यादा बल्लेबाजी करने को तैयार नहीं दिखते। वे तब क्रीज पर आते हैं जब लक्ष्य पहाड़ जैसा होता है। शुक्रवार को वे 15वें ओवर में आए, जब स्कोर 72/7 था। वे सिर्फ चार गेंद खेलकर सुनील नरेन की गेंद पर LBW हो गए। हालांकि, यह पूरी तरह धोनी की गलती नहीं। उनके आने तक मैच लगभग हाथ से निकल चुका था।

पावरप्ले की बड़ी समस्या

सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन की सबसे बड़ी समस्या पावरप्ले की बल्लेबाजी है। टीम पहले पांच ओवरों में केवल 18 रन बना सकी। पावरप्ले खत्म होने तक स्कोर 31 रन था। यह पैटर्न बनता जा रहा है। CSK ने छह मैचों के पावरप्ले में सिर्फ तीन छक्के लगाए हैं। यह IPL 2025 में किसी भी टीम द्वारा सबसे कम है। पूरी पारी में CSK सिर्फ एक छक्का लगा सकी। वहीं KKR ने अपने पावरप्ले में सात छक्के जड़े। उन्होंने 104 रन का लक्ष्य सिर्फ 10.1 ओवर में हासिल कर लिया।

धोनी का बचाव और हेडन की आलोचना

धोनी ने टीम की जोखिम न लेने वाली रणनीति का बचाव किया है। उनका मानना है कि रचिन रवींद्र और डेवोन कॉनवे जैसे ओपनर पारंपरिक स्ट्रोक से काफी रन बना सकते हैं। उनका ध्यान विकेट बचाने पर है, शुरुआत में जोखिम लेने पर नहीं। लेकिन आज के आईपीएल में जहां सपाट पिचें और इम्पैक्ट प्लेयर नियम बड़े हिट्स का समर्थन करते हैं, CSK का तरीका फॉर्मूला 1 रेस में प्रीमियर पद्मिनी ले जाने जैसा लगता है। पूर्व CSK ओपनर मैथ्यू हेडन ने धोनी की रणनीति की आलोचना की। हेडन ने कहा, “धोनी कहते हैं कि हमें पावरप्ले में संयमित रहना है। मैं असहमत हूं। जब आप 30 रन (दोनों टीमों के पावरप्ले स्कोर का अंतर) गंवा रहे हों।” उन्होंने बताया कि कैसे KKR ने पावरप्ले में 60 रन बनाए जबकि CSK ने 30।

बल्लेबाजी क्रम में फॉर्म और इरादे की कमी

पावरप्ले में आक्रामक न होने का कारण इरादे की कमी और इन-फॉर्म बल्लेबाजों का अभाव है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में संघर्ष कर रहे कॉनवे ने चैंपियंस ट्रॉफी में ओपनिंग स्पॉट खो दिया। रचिन टी20 में लय नहीं पा सके हैं। गायकवाड़ की चोट ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पिछले सीजनों में धोनी ने शेन वॉटसन और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों के टी20 करियर को पुनर्जीवित किया था। लेकिन इस बार ऐसा कोई संकेत नहीं दिख रहा। टीम में लगातार बदलाव हो रहे हैं, जो CSK के चरित्र के विपरीत है। उनकी सफलता हमेशा स्थिरता पर बनी रही है।

अनकैप्ड खिलाड़ियों की अनदेखी

CSK अपने अनकैप्ड खिलाड़ियों जैसे वंश बेदी और शेख रशीद को मौके देने से हिचक रही है। खराब प्रदर्शन करने वाले अनुभवी खिलाड़ियों पर उनका भरोसा अब गलत साबित हो रहा है। कुछ सीजन पहले बेंच से निकले रुतुराज गायकवाड़ स्टार बने थे। इस साल भी बेंच पर प्रतिभा है, पर टीम उसे परखने को तैयार नहीं। सिर्फ शिवम दुबे ही टॉप ऑर्डर में लगातार बड़े शॉट खेल रहे हैं। लेकिन पावरप्ले की नाकामी का बोझ उन पर बहुत ज्यादा है।

** गेंदबाजी इकाई भी बेअसर**

गेंदबाजी का हाल भी बेहतर नहीं है। उनके प्रमुख स्पिनर आर अश्विन और रवींद्र जडेजा अपनी पुरानी लय में नहीं दिखे। अश्विन ने इस सीजन 9.90 रन प्रति ओवर दिए हैं। उनका औसत लगभग 40 प्रति विकेट रहा है। अश्विन ने पावरप्ले में लगातार रन लुटाए हैं। खलील अहमद और नूर अहमद ही कुछ हद तक गेंदबाजी का भार संभाल रहे हैं। मथीशा पथिराना को डेथ ओवर्स के लिए बचाने की रणनीति पिछले सीजन कामयाब रही थी। लेकिन सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन में जब तक उन्हें लाया जाता है (आमतौर पर 10वें ओवर के बाद), मैच हाथ से निकल चुका होता है। CSK सिर्फ बल्लेबाजी में ही नहीं, गेंदबाजी में भी पावरप्ले हार रही है।

क्या वापसी संभव है?

निश्चित रूप से, टीमों ने इससे भी बदतर स्थिति से वापसी की है। CSK ने खुद 2010 में ऐसा किया था। पहले सात मैचों में दो जीत के बाद उन्होंने अपना पहला खिताब जीता था। लेकिन यह सीजन अलग महसूस होता है। टीम में न केवल गहराई की कमी है, बल्कि विश्वास भी डगमगाया हुआ है। नेतृत्व, जो कभी इतना निश्चित था, अब हिचकिचाता हुआ लगता है। जो दृढ़ विश्वास उन्हें अलग बनाता था, वह भ्रमित नजर आता है। मौजूदा हालात में CSK प्लेऑफ की बजाय अंतिम स्थान पर रहने की ज्यादा संभावना दिख रही है।

चमत्कार होते हैं। खासकर जब माही प्रभारी हों। लेकिन इस बार जादू फीका पड़ गया लगता है। नाव में इतने छेद हैं कि तूफान झेलना मुश्किल है, किनारे पहुंचना तो दूर की बात है। एमएस धोनी और स्टीफन फ्लेमिंग द्वारा वर्षों में बनाया गया साम्राज्य ढहने लगा है। कुएं में कोई चिंगारी नहीं बची है। और कोई भी बिना रस्सी के चढ़ाई करने को तैयार नहीं दिख रहा।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • सीएसके आईपीएल 2025 प्रदर्शन में टीम 6 में से 5 मैच हारकर गहरे संकट में है।
  • पावरप्ले में बेहद धीमी बल्लेबाजी (सबसे कम छक्के) और पुरानी रणनीति बड़ी समस्याएं हैं।
  • एमएस धोनी का प्रभाव कम हुआ है और वे बल्लेबाजी में देर से आ रहे हैं।
  • प्रमुख गेंदबाज (अश्विन, जडेजा) फॉर्म में नहीं हैं, पथिराना का इस्तेमाल बेअसर हो रहा है।
  • टीम में गहराई, फॉर्म, विश्वास और आक्रामक इरादे की भारी कमी दिख रही है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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