आख़िर तक – एक नज़र में
- बहुप्रतीक्षित दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक परियोजना को अंतिम लोकेशन सर्वे (FLS) के लिए ₹1 करोड़ की मंजूरी मिली।
- यह 40 किमी लंबा समुद्री रेल लिंक सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच यात्रा का समय घटाएगा।
- परियोजना से भावनगर-सूरत की दूरी 530 किमी से घटकर 160 किमी हो जाएगी, समय 9 से 3 घंटे होगा।
- इसके साथ ही ₹23.1 करोड़ की लागत से 924 किमी लंबे तटीय रेल कॉरिडोर का भी सर्वे होगा।
- यह गुजरात रेलवे परियोजना राज्य के आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी में मील का पत्थर साबित होगी।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
प्रस्तावना: गुजरात में कनेक्टिविटी की नई क्रांति
गुजरात में दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। हाल ही में, रेल मंत्रालय ने इस महत्वाकांक्षी दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक ब्रिज परियोजना के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे (FLS) को मंजूरी दी है। इससे यात्रा समय में भारी कमी आने की उम्मीद है।
परियोजना का ऐतिहासिक संदर्भ
इस रेलवे पुल का विचार नया नहीं है।
- प्रारंभिक प्रस्ताव: मैकेनिकल इंजीनियर विक्रम ज़वेरी ने 2004 में पहली बार दहेज और घोघा के बीच रेलवे पुल का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को दिया था। इस परियोजना का विवरण 2 अगस्त 2004 को गुजराती अखबार ‘जन्मभूमि’ में प्रकाशित हुआ था।
- फेरी सेवा: 2009 में, गुजरात राज्य सरकार ने इसी स्थान पर फेरी सेवा को मंजूरी दी। इसका उद्घाटन 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया। हालांकि, रोरो फेरी सेवा को गाद और वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
- पुनः प्रस्ताव: 2004 के रेलवे पुल प्रस्ताव को 2017 में फिर से प्रधानमंत्री मोदी को भेजा गया। उन्होंने इसे रेलवे भवन के कार्यकारी निदेशक (वर्क्स) एस. सी. जैन को भेजा। उनका जवाब 23 अप्रैल 2018 को pgportal.gov.in पर पोस्ट किया गया था।
वर्तमान स्थिति: सर्वे को हरी झंडी
रेलवे मंत्रालय ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
- सर्वे की घोषणा: 26 फरवरी 2025 को रवि वर्मा (@RailDuniya on X) और 13 मार्च 2025 को “मंतव्य न्यूज़”, “देशगुजरात” आदि ने घोषणा की। रेल मंत्रालय ने 40 किमी लंबी दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक परियोजना के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) के लिए 1 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
- अन्य परियोजनाओं का सर्वे: इसके अतिरिक्त, तीन संबंधित तटीय रेल परियोजनाओं (924 किमी) के FLS के लिए 23.1 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। ये दोनों सर्वे परियोजनाएं पश्चिम रेलवे दस्तावेज़ > प्रोजेक्ट और सर्वे की नवीनतम स्थिति 2025 में शामिल हैं।
पुल का स्थान और लंबाई
प्रस्तावित दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक खंभात की खाड़ी पर बनेगा।
- यदि यह पुल दहेज और भावनगर को सीधी रेखा में जोड़ता है, तो खंभात की खाड़ी के पानी पर पुल की लंबाई लगभग 27.3 किमी होगी।
- यदि यह दहेज और घोघा को सीधी रेखा में जोड़ता है, तो पानी पर पुल की लंबाई लगभग 23.9 किमी होगी।
परियोजना का महत्व और लाभ
यह परियोजना गुजरात रेलवे परियोजना के लिए गेम-चेंजर साबित होगी।
- यात्रा समय में भारी कमी: यह 40 किमी लंबी रेलवे परियोजना सौराष्ट्र, दक्षिण गुजरात और मुंबई के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देगी। यह एक सीधा समुद्री-लिंक रेल मार्ग प्रदान करेगी। वर्तमान में, यात्रियों को अहमदाबाद, आणंद और वडोदरा के रास्ते लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
- दूरी और समय में बड़ी कटौती:
- भावनगर से सूरत: यात्रा की दूरी 530 किमी से घटकर 160 किमी हो जाएगी। यात्रा का समय 9 घंटे से घटकर सिर्फ 3 घंटे रह जाएगा।
- भावनगर से मुंबई: यात्रा का समय 13 घंटे से घटकर 8 घंटे हो जाएगा।
- सौराष्ट्र के यात्रियों को अहमदाबाद, वडोदरा और आणंद के रास्ते यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे 500 किमी की अतिरिक्त यात्रा बचेगी।
रेलवे सी-लिंक परियोजना की योजना
रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना के लिए विशेष आवंटन किया है।
- आवंटन: रेलवे बोर्ड ने सी-लिंक रेल परियोजना के FLS के लिए ₹1 करोड़ आवंटित किए हैं। वहीं, 924 किलोमीटर लंबे तटीय रेल कॉरिडोर के लिए ₹23 करोड़ मंजूर किए गए हैं।
तटीय रेल कॉरिडोर: एक व्यापक योजना
दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक के साथ-साथ एक व्यापक तटीय रेल कॉरिडोर भी आकार ले रहा है।
- कॉरिडोर की योजना: दहेज से ओखा तक (924 किमी) तटीय रेलवे कॉरिडोर भी योजना के चरण में है। यह गुजरात के तटीय शहरों में कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा।
- कनेक्टेड स्थान: तटीय रेल लाइन इन स्थानों को जोड़ेगी:
- दहेज-जंबुसर-कठाना-खंभात
- धोलेरा-भावनगर
- भावनगर-महुवा-पीपावाव
- पीपावाव-छारा-सोमनाथ-साड़दिया
- पोरबंदर-द्वारका-ओखा
- दूरी में और कमी: इस पहल से यात्रा की दूरी में भारी कमी आएगी:
- भावनगर से मुंबई: 779 किमी से 370 किमी।
- राजकोट से मुंबई: 737 किमी से 430 किमी।
- जामनगर से मुंबई: 812 किमी से 490 किमी।
- वर्तमान में, जामनगर, भावनगर और राजकोट से मुंबई जाने वाली ट्रेनें वडोदरा और अहमदाबाद के रास्ते 12 घंटे लेती हैं। दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक इसे 5-7 घंटे तक कम कर देगा।
अतिरिक्त लाभ और संभावनाएं
यह परियोजना सिर्फ यात्रा समय कम करने तक सीमित नहीं है।
- रेल-सह-सड़क पुल की संभावना: दहेज-भावनगर सी लिंक के लिए एक नए रेलवे सर्वे में रेल-सह-सड़क पुल की संभावना भी शामिल है।
- बंदरगाह कनेक्टिविटी: यह सी लिंक भावनगर बंदरगाह से कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगा। यह रेलवे कनेक्टिविटी गुजरात के लिए एक वरदान होगा।
यह परियोजना गुजरात के आर्थिक विकास और परिवहन ढांचे को नई दिशा देगी। यात्रा समय में कमी से व्यापार और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक परियोजना को FLS के लिए ₹1 करोड़ की मंजूरी मिली है।
- यह गुजरात रेलवे परियोजना भावनगर-मुंबई यात्रा समय को 13 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर देगी।
- खंभात की खाड़ी पर बनने वाला यह पुल लगभग 24-27 किमी लंबा हो सकता है।
- इसके साथ ही, 924 किमी लंबा तटीय रेल कॉरिडोर भी गुजरात में रेलवे कनेक्टिविटी गुजरात को सुधारेगा।
- यह दहेज-भावनगर रेलवे सी लिंक ब्रिज परियोजना राज्य की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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