आख़िर तक – एक नज़र में
- दिल्ली के ग्राफिक डिजाइनर ने चार महीने की सैलरी न मिलने की समस्या सोशल मीडिया पर उजागर की।
- VMS प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी ने LinkedIn पर अपनी समस्या को साझा किया।
- उन्होंने WhatsApp चैट के माध्यम से समस्या को प्रमाणित किया।
- पोस्ट के बाद कई उपयोगकर्ताओं ने कानूनी और व्यावसायिक सुझाव दिए।
- यह मामला कर्मचारी अधिकारों और जवाबदेही पर एक बड़ी बहस का हिस्सा बन गया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
LinkedIn पर साझा किया दर्द
दिल्ली के ग्राफिक डिजाइनर लकी सिद्दीकी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि उनके नियोक्ता VMS प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले चार महीनों से उनका वेतन नहीं दिया। अपनी LinkedIn पोस्ट में उन्होंने स्थिति का ब्योरा दिया और मदद मांगी। उन्होंने लिखा, “मैं आमतौर पर निजी मुद्दों पर पोस्ट नहीं करता, लेकिन इस मामले को सबके सामने रखना जरूरी है।”
आंतरिक प्रयासों से समाधान नहीं
लकी ने बताया कि उन्होंने कंपनी के अंदर कई बार इस मुद्दे को हल करने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। “मैंने अपनी सभी ज़िम्मेदारियों को पूरा किया, फिर भी मेरा वेतन नहीं दिया गया। यह मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए कठिन है।”
प्रमाण के लिए साझा की चैट
लकी ने अपने बॉस के साथ WhatsApp चैट के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिसमें बॉस ने उन्हें कॉल करने से मना किया और ब्लॉक करने की धमकी दी।
कानूनी और व्यावसायिक सलाह
लकी की पोस्ट ने सैकड़ों उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया। एक उपयोगकर्ता ने श्रम कानून का हवाला देते हुए लिखा कि समय पर वेतन न देने पर नियोक्ता को प्रति दिन ₹750 का जुर्माना देना पड़ सकता है। वहीं, दूसरे ने कहा कि कानूनी कार्रवाई से पहले HR और टीम लीडर को ईमेल करना चाहिए।
कर्मचारी अधिकारों पर बड़ी चर्चा
लकी की कहानी ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया। यह मामला दिखाता है कि कैसे नियोक्ता जवाबदेही से बचते हैं और कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- लकी सिद्दीकी की चार महीने की सैलरी अटकी है।
- WhatsApp चैट से उन्होंने अपनी समस्या का सबूत दिया।
- पोस्ट ने उपयोगकर्ताओं से कानूनी और व्यावसायिक मार्गदर्शन प्राप्त किया।
- कर्मचारी अधिकारों और श्रम कानूनों पर बड़ी चर्चा शुरू हुई।
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