दिल्ली में पटाखा बैन के बावजूद प्रदूषण चरम पर

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दिल्ली में पटाखा बैन के बावजूद प्रदूषण चरम पर

आखिर तक – In Shorts

  1. दिवाली पर पटाखों के जलने से दिल्ली का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुँचा।
  2. कई इलाकों में PM2.5 स्तर 900 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक दर्ज किया गया।
  3. प्रदूषण के उच्च स्तर ने दिल्ली को विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बना दिया।

आखिर तक – In Depth दिवाली पर पटाखों के जलने से दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से बिगड़ गई, जिससे राजधानी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में सबसे ऊपर आ गई। शुक्रवार सुबह 6 बजे, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 359 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। प्रमुख इलाकों जैसे कि बुराड़ी, रोहिणी, और आरके पुरम में AQI स्तर 390 के पार था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी की ओर बढ़ रहा था।

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एनसीआर के इलाकों, जैसे नोएडा और गाजियाबाद में भी AQI ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणियों में दर्ज किया गया। कुछ क्षेत्रों में PM2.5 स्तर 900 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक पहुंच गया, जो मानक सीमा से 15 गुना अधिक है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, एक सुरक्षित PM2.5 सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जिसे दिल्ली ने कई गुना अधिक पार किया।

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2024 की दिवाली ने पिछले सालों की तुलना में सबसे अधिक प्रदूषण स्तर दर्ज किया। पुसा और वजीरपुर में PM2.5 स्तर 600 के पार था।

दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर से 2025 तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाई थी। ग्रीन पटाखों के प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया था।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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