आखिर तक – इन शॉर्ट्स
- दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंची।
- पराली जलाने और मौसम परिवर्तन से प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड बढ़ने से स्थिति और बिगड़ेगी।
आखिर तक – इन डेप्थ
दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से खराब हो गई है। 13 अक्टूबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘मॉडरेट’ से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि पड़ोसी राज्यों से आ रहे प्रदूषण और बदलते मौसम के कारण यह समस्या और बढ़ने की संभावना है। हवा में घुले प्रदूषकों के कारण कई लोग स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
नोएडा में तेज वृद्धि
नोएडा में AQI में पिछले पांच दिनों में 107 अंकों की वृद्धि हुई है। पराली जलाने और शुरुआती सर्दियों के कारण यह वृद्धि दर्ज की गई। स्कूलों ने बच्चों को बाहर खेलने से मना कर दिया है और व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय निवासी सांस लेने में तकलीफ की शिकायत कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है।
पराली जलाने से संकट
उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में तेज वृद्धि हुई है। सैटेलाइट डेटा के अनुसार, 13 अक्टूबर को पंजाब में 162, हरियाणा में 90, उत्तर प्रदेश में 76, और दिल्ली में 1 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं। पूरे क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो वायु गुणवत्ता को और खराब कर रही हैं।
AQI कैसे मापा जाता है?
AQI प्रदूषकों जैसे PM2.5, PM10, कार्बन मोनोऑक्साइड और ओजोन को मापकर निर्धारित किया जाता है। सबसे खतरनाक प्रदूषक AQI को तय करता है, जो हवा की गुणवत्ता को बताता है। वर्तमान में, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर चिंता का विषय है।
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