लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक स्वीकृत

आख़िर तक
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एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक लोकसभा में
1 month agoदिसम्बर 17, 2024 2:52 अपराह्न

अभिषेक बनर्जी ने एक देश एक चुनाव बिल को बताया लोकतंत्र पर हमला

तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को एक देश एक चुनाव बिल पेश किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इस बिल को लोकतंत्र पर “शर्मनाक” हमला बताया। “एक देश एक चुनाव” बिल को लेकर अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संसद में संविधान पर बहस अभी चल रही है और इसी बीच भाजपा ने संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश करने का प्रयास किया है, जो लोकतंत्र पर एक सीधा हमला है।

अभिषेक बनर्जी ने इस बिल के माध्यम से लोगों के नियमित मतदान के अधिकार को छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “एक देश एक चुनाव” का विचार नागरिकों के मतदान अधिकार को सीमित कर देगा। तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने यह भी प्रश्न उठाया कि जब संसद में संविधान पर अभी भी चर्चा हो रही है, तब इस तरह के विधेयक को लाने की क्या आवश्यकता है। उन्होंने इस कदम को असंवैधानिक करार दिया। “लोकतंत्र पर हमले” को लेकर उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोला।

“एक देश एक चुनाव” बिल को लेकर विपक्षी दलों में भारी रोष है। अभिषेक बनर्जी का बयान इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि यह बिल विपक्ष को पूरी तरह से स्वीकार्य नहीं है। तृणमूल कांग्रेस लगातार इस बिल का विरोध कर रही है और आने वाले समय में भी इसका विरोध जारी रखेगी। यह बिल केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया है।

1 month agoदिसम्बर 17, 2024 2:29 अपराह्न

लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक स्वीकृत

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पेश किया गया।
  2. विधेयक के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट किया।
  3. विधेयक के विरोध में 198 सांसदों ने वोट किया।
  4. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक पेश किया।
  5. विपक्ष ने विधेयक की आलोचना की, जिसपर मंत्री ने जवाब दिया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

एक देश, एक चुनाव: लोकसभा में विधेयक का प्रवेश

लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज विधेयक पेश किया। इस विधेयक में संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024, और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने लोकसभा में अपने सभी सांसदों को तीन-पंक्ति का व्हिप जारी किया था। इस विधेयक पर मतदान के दौरान 269 सांसदों ने इसके पक्ष में और 198 सांसदों ने इसके विरोध में वोट दिया। ‘एक देश, एक चुनाव’ का लक्ष्य पूरे देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है।

विपक्ष की आलोचना और कानून मंत्री का जवाब

विपक्ष की मुख्य आलोचना इस विधेयक की विधायी क्षमता पर केंद्रित थी। विपक्ष ने यह भी कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 360 (ए) का उल्लंघन करता है। इस पर कानून मंत्री ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 360 (ए) विधायिका को संशोधन पेश करने का अधिकार देता है। उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाई गई अनुच्छेद 327 की आलोचना का भी जवाब दिया। कानून मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद संसद को विधानसभा चुनावों में संशोधन करने का अधिकार देता है। विपक्षी दलों ने इस विधेयक को जल्दबाजी में लाया गया बताया और इसके खिलाफ कई तर्क दिए। लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बहस का केंद्र बना हुआ है।

लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

बहस और मतदान के बाद, लोकसभा को दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पर आगे की चर्चा और प्रक्रिया अब सत्र के अगले भाग में जारी रहेगी। इस विधेयक को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच राजनीतिक सरगर्मी तेज है। ‘एक देश, एक चुनाव’ के फायदे और नुकसान को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को लेकर देश भर में चर्चा हो रही है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पेश किया गया। 269 सांसदों ने पक्ष में वोट किया, जबकि 198 ने विरोध में। कानून मंत्री ने विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब दिया। इस विधेयक को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गर्म है। ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक आने वाले समय में राजनीति का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना रहेगा।

1 month agoदिसम्बर 17, 2024 12:59 अपराह्न

एक राष्ट्र, एक चुनाव बिल: संसद में विरोध

आज संसद में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश होने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई। एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को लेकर लोकसभा में काफी हंगामा हुआ। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पेश किया, जिसका कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया। कांग्रेस के लोकसभा सांसदों ने इस मुद्दे पर रणनीति बनाने के लिए सुबह 10:30 बजे एक बैठक की।

विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक संविधान के संघीय ढांचे को कमजोर करता है और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बिल का विरोध करने के लिए नोटिस दिया। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल को पूरी तरह से खारिज करती है। उनका कहना है कि यह बिल भारत के संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी इस बिल की आलोचना की है। उन्होंने इसे लोकतंत्र और विविधता के लिए खतरा बताया।

दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का समर्थन करते हुए कहा कि इससे देश में चुनाव प्रक्रिया बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि इस देश में पहले भी कई बार इस तरह से चुनाव हुए हैं। उन्होंने 1952, 1957 के चुनावों का उदाहरण दिया। बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने भी इस बिल को देश के लिए फायदेमंद बताया।

इस बिल को लेकर संसद में जोरदार बहस हुई। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह देश की विविधता और संघीय ढांचे को खत्म कर देगा। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी कहा कि यह बिल संविधान के मूल ढांचे को चोट पहुँचाता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने इस बिल पर चर्चा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने की मांग की है। लोकसभा और राज्यसभा में इस विधेयक को लेकर लगातार बहस जारी है। एक राष्ट्र, एक चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

1 month agoदिसम्बर 17, 2024 12:45 अपराह्न

एक राष्ट्र, एक चुनाव बिल

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. आज लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश किया गया।
  2. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दो विधेयक पेश किए।
  3. विधेयकों में संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 शामिल है।
  4. कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया।
  5. भाजपा और कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी की थी।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

आज लोकसभा में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना हुई, जब केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश किया। एक राष्ट्र, एक चुनाव एक ऐसा प्रस्ताव है जिसका उद्देश्य पूरे देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है। इससे चुनावी प्रक्रिया में लगने वाले समय और धन की बचत होने की उम्मीद है। अर्जुन राम मेघवाल ने आज दो विधेयक पेश किए, जिनमें संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और संघ शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

विधेयक पेश किए जाने से पहले, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने लोकसभा सांसदों के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी की थी, जिसका मतलब है कि सदन में उनकी उपस्थिति अनिवार्य है। कांग्रेस के लोकसभा सांसदों ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर चर्चा करने के लिए सुबह 10:30 बजे केंद्रीय संसदीय दल (सीपीपी) कार्यालय में एक बैठक भी की। विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया, जिसे उन्होंने लोकतंत्र विरोधी बताया है। उनका कहना है कि यह संघीय ढांचे को कमजोर करेगा।

इस विधेयक के समर्थन में सरकार का तर्क है कि इससे चुनाव खर्च कम होगा, प्रशासनिक कार्य में सुधार होगा और विकास कार्यों को गति मिलेगी। हालांकि, विपक्षी दलों का मानना है कि यह क्षेत्रीय दलों की भूमिका को कम कर देगा और राष्ट्रीय मुद्दों को अधिक महत्व देगा। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर बहस और वोटिंग आने वाले दिनों में जारी रहेगी। इसके साथ ही, देश में राजनीतिक गतिविधियों में भी तेजी देखने को मिल सकती है। इस विधेयक का समर्थन और विरोध दोनों ही पक्षों से हो रहा है। एक राष्ट्र, एक चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हैं। चुनाव प्रक्रिया में बदलाव का प्रयास किया जा रहा है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पेश किया। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया है। इस विधेयक का उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है।

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. विवादित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक आज लोकसभा में पेश किया जाएगा।
  2. भाजपा ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है।
  3. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विधेयक पेश करेंगे।
  4. विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है।
  5. विपक्षी दलों ने इस विधेयक को “अलोकतांत्रिक” बताया है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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आज, लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश किया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी किया है। केंद्रीय सरकार यह विधेयक लोकसभा में लाएगी। इस विधेयक का उद्देश्य देश में एक साथ चुनाव कराना है। अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कानून मंत्री, इस विधेयक को पेश करेंगे। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ नामक यह विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। इसे संविधान (एक सौ उनतीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2024 का नाम दिया गया है। साथ ही, एक अन्य विधेयक, ‘संघ राज्यक्षेत्र कानून (संशोधन) विधेयक’, भी पेश किया जाएगा।

विधेयक पेश होने के बाद, मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजने का अनुरोध कर सकते हैं। यह समिति विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर बनाई जाएगी। भाजपा, सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण, समिति की अध्यक्षता करेगी और कई सदस्य पद प्राप्त करेगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार शाम तक समिति की संरचना की घोषणा करेंगे।

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कई विपक्षी नेताओं, जैसे राहुल गांधी, ममता बनर्जी, और एमके स्टालिन ने इस विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने इसे “अलोकतांत्रिक” और “भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने” का एक कदम बताया है। यह विधेयक रामनाथ कोविंद समिति की सिफारिशों पर आधारित है। विधेयक को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे। दूसरे चरण में आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत और नगरपालिका चुनाव) होंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की वकालत की है।

उन्होंने विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इससे संघवाद के सिद्धांत कमजोर नहीं होते हैं। अमित शाह ने कहा कि 1952, 1957 और 1967 में भी इसी तरह से चुनाव हुए थे। अमित शाह ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को देश के लिए आवश्यक बताया।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। भाजपा ने इसके लिए अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। विपक्ष इस विधेयक को “अलोकतांत्रिक” बता रहा है। विधेयक को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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