आखिर तक – संक्षेप में
- तिहाड़ जेल वॉर्डन द्वारा संचालित मेथ लैब पर ग्रेटर नोएडा में छापा पड़ा।
- 95 किलो ड्रग्स और मेक्सिकन कार्टेल से संबंधित प्रमाण भी मिले।
- चार गिरफ्तार, जिनमें दिल्ली का व्यवसायी और मुंबई का कैमिस्ट शामिल है।
आखिर तक – विस्तार से
ग्रेटर नोएडा में तिहाड़ जेल वॉर्डन द्वारा संचालित मेथ लैब को 25 अक्टूबर को एनसीबी और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा छापेमारी कर जब्त किया गया, जहां से 95 किलो ड्रग्स, केमिकल्स और मशीनरी बरामद हुई। इस छापेमारी के दौरान, एक दिल्ली के व्यवसायी और मुंबई के कैमिस्ट को गिरफ्तार किया गया, जो इस उत्पादन में शामिल थे। जाँच में पाया गया कि ‘कार्टेल दे जलिस्को नुएवा जेनरेशन’ नामक एक मेक्सिकन ड्रग कार्टेल भी इस लैब के साथ संबंध रखता था।
इस अवैध लैब का संचालन औद्योगिक क्षेत्रों में अन्य देशों में ड्रग्स के निर्यात के लिए किया जा रहा था, जिससे स्थानीय पुलिस को धोखा दिया जा सके। चारों आरोपियों को 27 अक्टूबर को अदालत में पेश किया गया और तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इसके अलावा, इस कारोबार के वित्तीय लेन-देन और संपत्तियों की भी जाँच हो रही है। एनसीबी ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध ड्रग लैब स्थापित करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। पहले भी ऐसे मामले गुजरात, राजस्थान, और मध्य प्रदेश में दर्ज किए जा चुके हैं।
अक्टूबर माह में ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा दो और छापेमारी में 7,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी गई। महिपालपुर में 560 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम भांग जब्त हुई, जबकि रेमेश नगर में 204 किलोग्राम कोकीन स्नैक पैकेट्स में छिपाई गई मिली, जो मुंबई और अन्य राज्यों में वितरित की जाने वाली थी। यह सिंडिकेट विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के संपर्क में था और एन्क्रिप्टेड कोड का प्रयोग कर संचालित होता था।
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