GSLV-F15 से NVS-02 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण, इसरो का 100वां मिशन

आख़िर तक
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GSLV-F15 से NVS-02 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण, इसरो का 100वां मिशन

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना 100वां लॉन्च किया।
  2. GSLV-F15 रॉकेट ने NVS-02 उपग्रह को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।
  3. NVS-02 उपग्रह भारत के NavIC नेविगेशन सिस्टम के हिस्से के रूप में कार्य करेगा।
  4. यह उपग्रह भारतीय उपग्रह नेविगेशन सेवाओं को और मजबूत बनाएगा, जिनका उपयोग रक्षा, परिवहन और मोबाइल सेवाओं में होगा।
  5. इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर इसरो के नए प्रमुख, V नारायणन ने पुरानी नेतृत्व की मदद के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

इसरो का ऐतिहासिक 100वां लॉन्च

भारत की प्रतिष्ठित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F15 के जरिए NVS-02 उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह इसरो का 100वां प्रक्षेपण था, जिससे एक और मील का पत्थर छुआ गया। इस प्रक्षेपण का महत्व इसलिये और बढ़ गया क्योंकि यह भारत के नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) सिस्टम का हिस्सा बनने वाला दूसरा उपग्रह था।

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NavIC: भारत का स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन सिस्टम

NVS-02 उपग्रह भारत के स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन प्रणाली NavIC का हिस्सा है, जिसे भारतीय रक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की नेविगेशन सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। NavIC की सेवाओं का लाभ अब तक भारत और उसकी सीमाओं के करीब 1500 किलोमीटर दूर तक लिया जा सकता है। NVS-02 का प्रमुख उद्देश्य उच्च सटीकता वाले स्थान, गति और समय (PVT) सेवाएं प्रदान करना है।

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सटीकता और भविष्य की योजनाएं

इस उपग्रह में एक उन्नत नेविगेशन पेलोड है जो तीन आवृत्तियों (L1, L5, और S) में कार्य करता है, जिससे यह और भी अधिक सटीकता प्रदान करता है। साथ ही, इसमें एक प्रिसाइस एटॉमिक घड़ी है, जिसे रुबीडियम एटॉमिक फ्रीक्वेंसी स्टैंडर्ड (RAFS) कहा जाता है, जो समय निर्धारण की सटीकता में भी इजाफा करता है। इस उपग्रह का उपयोग कई सेवाओं जैसे परिवहन, आपातकालीन सेवाओं, और मोबाइल लोकेशन सर्विसेज में किया जाएगा।

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इसरो के 100वे मिशन का ऐतिहासिक क्षण

गौरतलब है कि इसरो का 100वां प्रक्षेपण कई ऐतिहासिक मिशनों के बाद हुआ है, जैसे चंद्रयान, मंगलयान, आदित्य एल-1 और कई PSLV, GSLV और SSLV मिशन। इस उपलब्धि को इसरो के वर्तमान अध्यक्ष, V नारायणन ने पुरानी नेतृत्व के योगदान का उल्लेख करते हुए सम्मानित किया। इस सफलता के लिए इसरो ने अपनी पूरी टीम की मेहनत का श्रेय दिया है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

इसरो का 100वां प्रक्षेपण न केवल भारत के अंतरिक्ष मिशनों का हिस्सा है, बल्कि यह नेविगेशन सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। NVS-02 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण भारतीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली NavIC को और भी मजबूत बनाएगा, जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे रक्षा, परिवहन और आपातकालीन सेवाओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।


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