आख़िर तक – एक नज़र में
- महाराष्ट्र में Guillain-Barre सिंड्रोम (GBS) से पहली संदिग्ध मौत सामने आई।
- पुणे में GBS मामलों की संख्या 101 तक पहुँच गई।
- बीमारी के पीछे Campylobacter jejuni बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है।
- सरकार ने जल परीक्षण तेज किया और GBS मरीजों का मुफ्त इलाज शुरू किया।
- GBS से 19 बच्चे और 50 से 80 आयु वर्ग के 23 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
महाराष्ट्र में Guillain-Barre सिंड्रोम से संदिग्ध मौत
महाराष्ट्र में Guillain-Barre सिंड्रोम (GBS) से पहली संदिग्ध मौत दर्ज की गई। घटना सोलापुर के एक निजी अस्पताल की है, जहाँ 40 वर्षीय व्यक्ति का इलाज हो रहा था। शुरुआत में मरीज को डायरिया, खांसी और जुकाम के लक्षणों के साथ भर्ती किया गया था। ICU से उसकी हालत बेहतर होने के बाद सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन दोबारा सांस लेने में परेशानी होने के बाद ICU में स्थानांतरित करने पर उसकी मौत हो गई।
पुणे में मामलों का उछाल
पुणे में GBS के 101 मामले दर्ज हुए हैं, जो सामान्य रूप से 2 मामलों के मासिक औसत से बहुत ज्यादा है। पिछले 24 घंटों में 28 नए मामले दर्ज किए गए। 16 मरीज वर्तमान में वेंटिलेटर पर हैं।
जल परीक्षण और स्रोत की पहचान
राज्य सरकार ने संदूषण स्रोत की पहचान के लिए जल परीक्षण तेज किया। खड़कवासला डैम के पास एक कुएं में उच्च E. coli स्तर पाए गए हैं।
Guillain-Barre सिंड्रोम: लक्षण और इलाज
GBS एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी नसों पर हमला करती है। Campylobacter jejuni बैक्टीरिया इससे जुड़े मुख्य ट्रिगर के रूप में पाया गया। हालांकि, 80% मरीज इलाज के 6 महीनों के भीतर चलने में सक्षम हो जाते हैं। इलाज महंगा है, जिसमें IVIG इंजेक्शन का खर्च प्रत्येक ₹20,000 होता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- GBS पुणे में तेजी से फैल रही है, कुल 101 मामले।
- Campylobacter jejuni बैक्टीरिया संक्रमण का प्रमुख कारण है।
- प्रभावित इलाकों में जल परीक्षण और जनसर्वेक्षण जारी है।
- सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की घोषणा की।
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