आख़िर तक – एक नज़र में
- कनाडा कोर्ट ने हरदीप निज्जर हत्या केस में चार भारतीय नागरिकों को जमानत दी।
- सभी आरोपियों पर हत्या और षड्यंत्र का आरोप है।
- मामला ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया गया है।
- न्याय प्रक्रिया में देरी और सुबूतों की कमी को लेकर आलोचना हुई है।
- यह केस भारत-कनाडा कूटनीतिक संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
पृष्ठभूमि
हरदीप सिंह निज्जर, एक प्रमुख खालिस्तानी नेता, की हत्या जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हुई। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया।
कनाडा कोर्ट का निर्णय
चारों आरोपी – करन बरार, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करनप्रीत सिंह – को मई 2024 में आरसीएमपी द्वारा गिरफ़्तार किया गया। नवंबर 2024 की सुनवाई में चारों को “स्टे ऑफ प्रोसिडिंग्स” के तहत जमानत मिली।
न्याय प्रक्रिया में देरी
आरोप पत्र दाखिल करने में देरी ने अदालत में सरकारी पक्ष की मजबूती पर सवाल उठाए। आलोचकों ने इसे सरकार की “कमज़ोरी” करार दिया।
कूटनीतिक तनाव
मामले ने भारत और कनाडा के बीच पहले से विवादास्पद संबंधों को और बिगाड़ दिया। कनाडा की खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत पहले ही अपनी असहमति जता चुका है।
सिख समुदाय में मतभेद
यह मामला कनाडा के सिख समुदाय को भी बांट रहा है। कुछ लोग निज्जर के समर्थन में हैं, जबकि कई खालिस्तान विचारधारा का विरोध कर रहे हैं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- हरदीप निज्जर हत्या मामले में चार आरोपी ज़मानत पर रिहा।
- न्याय प्रक्रिया में देरी सरकार की प्रतिष्ठा के लिए संकट।
- भारत-कनाडा संबंध और तनावपूर्ण हुए।
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