Aakhir Tak – In Shorts
- हाल ही में 250 से अधिक फ्लाइट्स को झूठे बम खतरों ने प्रभावित किया।
- आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया को झूठी जानकारी हटाने का निर्देश दिया।
- इन खतरों से नागरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होती है।
Aakhir Tak – In Depth
आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को झूठे बम खतरे की गलत जानकारी को शीघ्र हटाने की सलाह दी है। मंत्रालय ने बताया कि ऐसी गतिविधियां देश की सुरक्षा और जनता के लिए खतरा बन सकती हैं। इसके साथ ही, प्लेटफार्मों को 72 घंटे के भीतर जांच एजेंसियों को सहयोग प्रदान करने के लिए भी कहा गया है। अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स आईटी अधिनियम का पालन नहीं करते, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और उनकी ‘सुरक्षित शरण’ का अधिकार छिन सकता है।
हाल ही में 250 से अधिक उड़ानें झूठे बम खतरों का शिकार बनी हैं। इन धमकियों में एयर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा और अन्य एयरलाइंस शामिल हैं। इन मामलों में प्रमुखतः सोशल मीडिया का उपयोग किया गया है, जिससे सामान्य संचालन बाधित हुआ है। इसी कारण से, सरकार ने सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाओं के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया है।
मंत्रालय का मानना है कि इस प्रकार की झूठी सूचनाएं न केवल नागरिकों के लिए बल्कि देश की आर्थिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी खतरा बनती हैं। झूठे बम खतरों के बढ़ते प्रसार को देखते हुए, मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से इन पोस्ट को हटाने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं।
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