आख़िर तक – एक नज़र में
- INDIA गठबंधन क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस के बीच आपसी विवाद के कारण टूटने के कगार पर है।
- दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ AAP को समर्थन ने मतभेद बढ़ा दिए।
- क्षेत्रीय दल कांग्रेस को मजबूत होते देख सकते हैं नुकसान।
- गठबंधन का उद्देश्य सिर्फ लोकसभा चुनाव तक सीमित था।
- नेताओं का कहना है कि गठबंधन अब “व्यवहारिक रूप से मृत” है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
INDIA गठबंधन की शुरुआत और उद्देश्य
INDIA गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव में BJP को चुनौती देने के लिए बना था। इसमें कांग्रेस समेत कई क्षेत्रीय दल शामिल थे। लेकिन इस गठबंधन की शुरुआत से ही इसमें मतभेद छिपे हुए थे।
दिल्ली चुनाव ने खोलीं दरारें
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को समर्थन देने वाले TMC, SP, और शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस के साथ तालमेल से इनकार कर दिया। कांग्रेस और AAP के बीच विरोधाभास ने गठबंधन में दरारें और गहरी कर दीं।
आत्म-विनाश के तीन कारण
- चुनावी उद्देश्य तक सीमितता: यह गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित था। क्षेत्रीय दलों के लिए अब इसकी उपयोगिता नहीं रही।
- कांग्रेस के खिलाफ क्षेत्रीय अविश्वास: कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव ने क्षेत्रीय दलों को असुरक्षित कर दिया। वे इसे अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए खतरा मानते हैं।
- नेतृत्व और रणनीति पर असहमति: गठबंधन के भविष्य, नेतृत्व, और रणनीति पर स्पष्टता की कमी ने इसे कमजोर कर दिया।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
ओमर अब्दुल्ला और तेजस्वी यादव ने हाल ही में गठबंधन की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए। ओमर ने इसे खत्म करने का सुझाव दिया, जबकि तेजस्वी ने इसे केवल लोकसभा चुनाव के लिए बना बताया।
गठबंधन का भविष्य
विशेषज्ञों के अनुसार, गठबंधन अब केवल नाममात्र का है। आने वाले विधानसभा चुनावों में भी इसकी भूमिका सीमित दिखती है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- INDIA गठबंधन के टूटने के पीछे क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस के बीच मतभेद मुख्य कारण हैं।
- दिल्ली चुनाव में AAP को समर्थन ने इन दरारों को और बढ़ा दिया।
- गठबंधन का उद्देश्य केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित था।
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