आखिर तक – In Shorts
- भारत-चीन सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सीमा विवाद के बाद गश्त फिर शुरू की।
- राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा पर शांति के लिए सहमति की बात की।
- सशस्त्र बलों ने विवादित क्षेत्रों से तंबू और अस्थायी संरचनाओं को हटा दिया है।
आखिर तक – In Depth
भारतीय और चीनी सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सीमा विवाद समाप्त करने के लिए गश्त फिर से शुरू कर दी है। चार साल से चल रहे इस विवाद को हल करने के लिए, दोनों देशों ने अस्थायी तंबू और संरचनाओं को हटाकर गश्त की सहमति बनाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच “समान और पारस्परिक सुरक्षा” पर सहमति बनी है, जिससे विवाद क्षेत्रों में स्थिरता लाने की दिशा में कदम बढ़े हैं।
बुधवार को सेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद पैट्रोलिंग फिर से शुरू होगी। इस समझौते के तहत, क्षेत्र में दिन के समय गश्त की जाएगी और दोनों सेनाओं के सैनिक दिवाली पर मिठाईयों का आदान-प्रदान करेंगे। राजनाथ सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की कि भारत और चीन का उद्देश्य इस मुद्दे को स्थायी समाधान की ओर ले जाना है, जो 2020 में गलवान में संघर्ष के बाद से तनाव का कारण बना हुआ है।
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि भारत का प्रयास केवल विवाद का समाधान करना ही नहीं बल्कि इसे अधिक स्थायी रूप देना है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में सीमा सड़क संगठन (BRO) की भूमिका पर जोर देते हुए, उन्होंने बताया कि सेला सुरंग और अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे जैसे प्रोजेक्ट इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे।
उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और मेजर बॉब खाथिंग जैसे महान नेताओं को भी श्रद्धांजलि दी, जिनका योगदान भारत की एकता और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण रहा है।
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